Punjab Minister Harpal Singh Cheema on E Nam Portal: पंजाब के वित्त, आबकारी एवं कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नैम) के पोर्टल के साथ जुड़ीं पंजाब की 79 मंडियों के द्वारा 10,000 करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का ई-ट्रेडिंग के द्वारा व्यापार किया गया है। पंजाब मंडी बोर्ड द्वारा फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एफ.आई.सी.सी.आई) के सहयोग से करवाई गई ‘टू वैंचर की ई-नैम प्लेटफॉर्म ऑफ पंजाब’ शीर्षक वाली कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री चीमा ने बताया कि अब तक 2,17,426 किसानों, 8,703 कमीशन एजेंट और 2,423 व्यापारियों को ई-नैम पोर्टल के साथ रजिस्टर किया गया है।
28.10 लाख टन कृषि जिन्सों का ई-ट्रेड
उन्होंने आगे बताया कि आलू, बासमती, मक्का, किन्नू, मूंग की दाल, कपास, हरे मटर, शिमला मिर्च, तरबूज, लीची और सूरजमुखी समेत कुल 28.10 लाख टन कृषि जिन्सों का ई-ट्रेड किया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य की इन प्रमुख फसलों के बढ़िया भाव को सुनिश्चित बनाने के लिए केवल इन 11 जिन्सों के ई-ट्रेडिंग के लिए ई-नैम स्कीम को मंजूरी दी है। जिनकी खरीद सरकारी एजेंसियों द्वारा नहीं की जा रही।
ई-नैम पोर्टल और मोबाइल ऐप संबंधी प्रशिक्षण
भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए किसानों में ई-मार्किटिंग जागरूकता पैदा करने पर जोर देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि वह यह जानकर बहुत खुश हैं कि किसानों को ई-नैम स्कीम के प्रति प्रोत्साहित करने के साथ-साथ ई-नैम पोर्टल और मोबाइल ऐप संबंधी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ई-मार्केटिंग किसानों को अपने उत्पादों को देश के अन्य राज्यों और दुनियाभर में बेचने की सुविधा देती है।
‘ऑनलाइन मार्केट प्लेस विकल्पों की खोज करें किसान’
ई-मार्केट 24 घंटे खुला रहने वाला प्लेटफॉर्म है इसलिए किसान अपनी उपज को किसी भी समय चाहें, बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान और खासकर नौजवान किसान ज्यादा लाभप्रद धंधा बनाने के लिए ऑनलाइन किराना पोर्टल, सोशल मीडिया साईटों पर उपलब्ध मार्केट प्लेस विकल्पों की खोज करें। अपने खुद के वेब पोर्टल बनाने के लिए प्रयास करें, जिससे वह अपने उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं को बेच सकें। इस मंतव्य के लिए ई-नैम पोर्टल किसानों के लिए लाभप्रद होगा।
तीन गुना की आमदनी
इस दौरान पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचन्द सिंह बरसट ने कहा कि मंडी बोर्ड ने भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए अपने बुनियादी ढांचे के बेहतर प्रयोग को सुनिश्चित बनाने के लिए कई प्रयास किए हैं। उन्होंने किसान भवन, की मिसाल देते हुए कहा कि बोर्ड राजस्व के नए साधन पैदा करने के लिए भी काम कर रहा है। इसने हाल ही में अपनी आमदन तीन गुना की है। उन्होंने ऐलान किया गया कि इस साल के आखिर तक 15 और मंडियां ई-नैम पोर्टल के साथ जोड़ दी जाएंगी।
किसानों को सशक्त बनाना उद्देश्य
कॉन्फ्रेंस में डॉ. जे.एस. यादव, एम.डी. कोसांब और दुष्यंत त्यागी ने राष्ट्रीय और अंतर- राष्ट्रीय मार्केट के अनुभव साझा किए। विशेष मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने कहा कि पंजाब सरकार का मनोरथ है कि किसानों को सशक्त बनाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को ई-मार्केटिंग जैसे अवसर प्रदान करने पर काम कर रही है, जिससे वह इस तेजी से बदल रहे संसार का मुकाबला कर सकें। इस मौके पर सचिव पंजाब मंडी बोर्ड अमृत कौर गिल ने मंडी ऑपरेशनों को डिजिटाइज करने पर जोर दिया। इस मौके पर पंजाब मंडी बोर्ड के अतिरिक्त सचिव राहुल गुप्ता, कोसांब, नागार्जुन ग्रुप, फ्लाइंग ट्रेड इंडिया लिमिटेड, पैगरो फूड प्राईवेट लिमिटेड और एफ.आई.सी.सी.आई के प्रतिनिधि ए.वी.एस. बरसट भी उपस्थित थे।