चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने देश भर में एक अग्रणी पहल के तहत राज्य सरकार की तरफ से भर्ती किये जाने वाले लॉ अधिकारियों के पदों में आरक्षण लागू करने का अहम फ़ैसला लिया है।
इस संबंध में शनिवार को गृह विभाग द्वारा इश्तिहार जारी किया गया था, जिसमें पंजाब राज्य के लिए केस लड़ने और पंजाब राज्य की नुमायंदगी करने के लिए एडवोकेट जनरल, पंजाब, चंडीगढ़ के दफ़्तर और लीगल सैल, नई दिल्ली के लिए लॉ अधिकारियों के पद के लिए अनुसूचित जाति के योग्य वकीलों/ उम्मीदवारों से आवदेन-पत्र मांगे गए हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक एडीशनल एडवोकेट जनरल के 12 पद (10 चंडीगढ़ और 02 दिल्ली), चंडीगढ़ में सीनियर डिप्टी एडवोकेट जनरल के पांच पदों के लिए, डिप्टी एडवोकेट जनरल के 16 पदों ( 14 चंडीगढ़ में और 2 दिल्ली में) के लिए, सहायक एडवोकेट जनरल के 23 पदों ( 22 चंडीगढ़ और 1 दिल्ली में) के लिए और दिल्ली में एडवोकेट के ऑन रिकार्ड 2 पदों के लिए योग्य अनुसूचित जाति उम्मीदवारों के पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। इस सम्बन्ध में योग्य उम्मीदवार 13 सितम्बर, 2022 तक आवेदन कर सकते हैं।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हमेशा अनुसूचित जाति के नौजवानों को हर क्षेत्र में सफलता हासिल करने के लिए बराबर मौके देने के समर्थक रहे हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि राज्य सरकार आरक्षण नीति को सही अर्थों में लागू कर रही है जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि कमज़ोर और पिछड़े वर्गों के उम्मीदवारों को नौकरियों के बराबर मौके मिलें। भगवंत मान ने स्पष्ट लफ़्ज़ों में कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार आम आदमी सरकार ने लॉ अधिकारियों की भर्ती में भी अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को आरक्षण देने की व्यवस्था की है।
मुख्यमंत्री ने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए कहा कि अपेक्षित काबिलियत और सामर्थ्य के बावजूद अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों को अलग-अलग कारणों से लॉ अधिकारियों जैसे पद पर पहुंचने का मौका ही नहीं मिला। लिहाज़ा, उन्होंने आशा अभिव्यक्ति कि राज्य सरकार की तरफ से इन उम्मीदवारों के लिए आरक्षण शुरू करने का यह फ़ैसला एस. सी. उम्मीदवारों को लॉ अधिकारियों के तौर पर तर्कपूर्ण ढंग से सेवा करने के योग्य बनाएगा।
भगवंत मान ने ज़ोर देकर कहा कि आम आदमी सरकार ही देश की ऐसी एक सरकार है, जिसने अनुसूचित जातियों को इन प्रतिष्ठित पदों के लिए आरक्षण की सुविधा दी है।
अनुसूचित जातियों की भलाई को यकीनी बनाने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ वचनबद्धता को दोहराते हुये हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि राज्य सरकार भाईचारे को तरक्की और ख़ुशहाली के समान मौके उपलब्ध कराने के लिए हर संभव यत्न कर रही है
। भगवंत मान ने कहा कि पिछली सरकारों ने अनुसूचित जातियों की भलाई के लिए सिर्फ़ खोखली बातें ही की परन्तु इसके उलट आम आदमी सरकार ने पूरे सौहृदर्य से इस सम्बन्धित ठोस कदम उठाए हैं।