पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुशील मोदी का नाम लिए बिना पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आपने एक आदमी (सुशील मोदी) को यह कहते सुना कि मैं उपराष्ट्रपति बनना चाहता था। क्या मजाक है! यह फर्जी है। मेरी ऐसी कोई इच्छा नहीं थी। क्या वे भूल गए कि हमारी पार्टी ने उन्हें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनावों में कितना समर्थन दिया? उन्हें मेरे खिलाफ बात करने दीजिए ताकि उन्हें फिर से एक पद मिल सके।
बता दें कि बुधवार को सुशील मोदी ने दावा किया था कि नीतीश कुमार भारत के उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे। जदयू के कई सीनियर नेताओं ने भाजपा के मंत्रियों को यह संदेश भेजा कि क्या यह संभव है? नीतीश कुमार ने उन खबरों को भी बकवास बताया है जिसमें कहा जा रहा है कि पीएफआई की जांच से राज्य में भाजपा के साथ उनकी पार्टी का गठबंधन समाप्त हो गया।
नीतीश कुमार अपने बल पर पार्टी तक तो नहीं बना सकते, वो क्या प्रधानमंत्री बनेंगे: @tarkishorepd pic.twitter.com/MSip749FF5
— News24 (@news24tvchannel) August 11, 2022
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उधर, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने पटना में कहा कि जब भी वह (बिहार के सीएम नीतीश कुमार) प्रधानमंत्री बनने का सपना देखते हैं, तो ऐसी बातें कहते हैं क्योंकि उनकी इच्छा उन्हें जनता के जनादेश के साथ विश्वासघात करने के लिए प्रेरित करती है।
विपक्ष एकजुट होकर आगे आएं, जिसको जो बोलना है वो बोलने दीजिए : @NitishKumar pic.twitter.com/utdq2Bp51v
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तारकिशोर ने कहा कि एक दिन पहले उन्होंने (बिहार के सीएम नीतीश कुमार) ने भाजपा पर जद (यू) को तोड़ने का प्रयास करने का आरोप लगाया और वह भ्रष्टाचार के मामले पर चुप हो गए जैसे कि लालू प्रसाद यादव के परिवार के भ्रष्टाचार के मामले अब बंद हो गए हैं और वे साफ हो गए हैं।
हिमंत सरमा ने भी नीतीश पर साधा निशाना
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि वह (नीतीश कुमार) उन लोगों के लिए एक गाइड हैं जो हर छह महीने में पार्टियां बदलना चाहते हैं। सरमा ने कहा कि मैं भी पहले कांग्रेस में था और 2015 में भाजपा में आ गया। भले ही मैं भाजपा में आ गया लेकिन नीतीश कुमार की तरह हर छह महीने में पार्टी नहीं बदलता। सरमा ने कहा कि कोई कैसे गारंटी दे सकता है कि नीतीश कुमार 6-8 महीने के बाद फिर से उस गठबंधन से बाहर नहीं जाएंगे?
नीतीश ने राष्ट्रीय राजनीति में आने के दिए थे संकेत
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को कहा था कि पार्टी के सभी विधायकों, सांसदों और एमएलसी ने मिलकर एनडीए छोड़ने का फैसला किया था। मैं पिछले चुनाव के बाद मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था, लेकिन मुझ पर पद संभालने के लिए बहुत दबाव डाला गया था। नीतीश ने कहा कि 2014 में जीत दर्ज करने वाले 2024 में कहां रहेंगे, ये वे जाने लेकिन मैं 2024 में बिहार में नहीं रहूंगा।
इस दौरान नीतीश कुमार ने 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले एकजुट विपक्ष का आह्वान भी किया। नीतीश ने कहा कि जो 2014 में सत्ता में आए, क्या वे 2024 में विजयी होंगे? मैं चाहता हूं कि 2024 के लिए सभी (विपक्ष) एकजुट हों। मैं इस तरह के किसी भी पद (प्रधान मंत्री पद पर) के लिए दावेदार नहीं हूं।