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Mumbai Black-Yellow Taxi: मुंबई की सड़कों पर अब नहीं दिखेगी काली-पीली रंग की टैक्सी, आज से हो जाएंगीं ऑफ रोड

Mumbai Black-Yellow Taxi: परिवहन विभाग के एक अधिकारी के बताया कि आखिरी प्रीमियर पद्मिनी को 29 अक्टूबर, 2003 को तारदेओ आरटीओ में एक काली-पीली कैब के रूप में पंजीकृत किया गया था।

Edited By : khursheed | Updated: Oct 30, 2023 13:14
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Mumbai Black-Yellow Taxi: मुंबई की सड़कों पर अब नहीं दिखेगी काली-पीली रंग की टैक्सी, आज से हो जाएंगीं ऑफ रोड

Mumbai Black-Yellow Taxi last Day: काली पीली टैक्सियों के नाम से मशहूर मुंबई की ‘प्रीमियर पद्मिनी’ आज यानी 30 अक्टूबर से ऑफ-रोड हो जाएंगी। प्रीमियर पद्मिनी को सड़क से हटाने का यह निर्णय सार्वजनिक ट्रांसपोर्टर बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) ने लिया है। महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने भी प्रतिष्ठित प्रीमियर पद्मिनी टैक्सियों को विदाई देते हुए कहा कि काली पीली रंग की टैक्सी भद्दी, असुविधाजनक और शोरगुल वाली थीं, लेकिन कई लोगों के लिए ढेर सारी यादें लेकर गईं।

आनंद महिंद्रा ने काली पीली टैक्सियों को दी विदाई

आनंद महिंद्रा एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि आज से प्रतिष्ठित प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी मुंबई की सड़कों से गायब हो गई है। काली पीली रंग की टैक्सी भद्दी, असुविधाजनक, अविश्वसनीय और शोर पैदा करती हैं। सामान रखने की क्षमता भी ज्यादा नहीं है। लेकिन मेरे परिवार के लोगों के लिए वे ढेर सारी यादें लेकर आई खी और उन्होंने हमें एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाने का अपना काम किया। साथ ही उन्होंने काली-पीली टैक्सियों को अच्छे समय के लिए धन्यवाद देते हुए अलविदा कहा।

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मुंबई में इस समय 40 हजार काली पीली टैक्सी मौजूद

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, परिवहन विभाग के एक अधिकारी के बताया कि आखिरी प्रीमियर पद्मिनी को 29 अक्टूबर, 2003 को तारदेओ आरटीओ में एक काली-पीली कैब के रूप में पंजीकृत किया गया था, जो मुंबई के द्वीप महानगर की देखरेख करता है। चूंकि शहर में कैब की आयु सीमा 20 वर्ष है, इसलिए आज से मुंबई में आधिकारिक तौर पर प्रीमियर पद्मिनी टैक्सी नहीं होगी।

मुंबई टैक्सीमेंस यूनियन के महासचिव एएल क्वाड्रोस ने याद किया कि टैक्सी के रूप में प्रीमियर पद्मिनी की यात्रा 1964 में ‘फिएट-1100 डिलाइट’ मॉडल के साथ शुरू हुई थी, जो स्टीयरिंग-माउंटेड गियर शिफ्टर वाली 1200-सीसी की शक्तिशाली कार थी। यह प्लायमाउथ, लैंडमास्टर, डॉज और फिएट 1100 जैसी “बड़ी टैक्सियों” की तुलना में छोटी थी, जिन्हें स्थानीय लोग ‘दुक्कर फिएट’ कहते थे। बता दें कि मुंबई में इस समय 40,000 से अधिक काली-पीली कैब हैं। हालांकि, 90 के दशक में इनकी संख्या लगभग 63,000 थी।

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khursheed

First published on: Oct 30, 2023 01:12 PM
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