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विधानसभा में हुई हाथापाई पर राज ठाकरे का तीखा प्रहार, ‘अब अगर हत्या भी हो गई तो हैरानी नहीं होगी!

महाराष्ट्र विधानभवन में एनसीपी के विधायक और बीजेपी विधायक के समर्थकों के बीच बीते दिन हाथा पाई हुई। इस पूरे मामले पर राज ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह सब देखकर लग रहा है कि महाराष्ट्र की हालत क्या हो गई है?

Mumbai News: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने गुरुवार को विधान भवन परिसर में हुई हाथापाई की तीव्र निंदा करते हुए सत्ताधारी नेताओं को और बीजेपी को जमकर आड़े हाथों लिया है। एक वायरल वीडियो में विधान भवन में दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच हुई जोरदार मारपीट देखी गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए राज ठाकरे ने कहा कि यह देखकर सच में सवाल उठता है कि महाराष्ट्र की हालत क्या हो गई है? सत्ताधारी बीजेपी को नसीहत देते हुए राज ने कहा कि अगर आपके भीतर थोड़ी भी राजनीतिक शुचिता बाकी है, तो अपने ही लोगों पर कार्रवाई कीजिए। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो भविष्य में अगर विधान भवन में कोई हत्या भी हो जाए तो आश्चर्य नहीं होगा।

सत्ता एक साधन होनी चाहिए, न की साध्य- राज ठाकरे

राज ठाकरे ने सत्ता के व्यवहार पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि सत्ता एक साधन होनी चाहिए, साध्य नहीं। मगर आज स्थिति यह है कि जिसे चाहो पार्टी में शामिल करो, उसका इस्तेमाल बुजुर्ग नेताओं पर गलीच टिप्पणियां करने के लिए करो और फिर नैतिकता की बातें करो। यह ढोंग अब जनता समझ चुकी है। ठाकरे ने सवाल उठाते हुए कहा कि मराठी भाषा और अस्मिता की रक्षा के लिए अगर मेरे महाराष्ट्र सैनिक आवाज उठाते हैं, तो उन पर टूट पड़ने वाले आज कहां हैं? जब कोई मराठी की गरिमा को चोट पहुंचाने की कोशिश करता है, तब हम जवाब देते हैं और हमें उस पर गर्व है।

विधानसभा सत्र की लागत पर उठाए सवाल

राज ठाकरे ने यह भी याद दिलाया कि मेरे दिवंगत विधायक ने भी विधान भवन में मराठी का अपमान करने वाले एक उद्दंड विधायक को सबक सिखाया था। वह विरोध किसी निजी द्वेष से नहीं, बल्कि मराठी अस्मिता की रक्षा के लिए था। विधानसभा सत्र की लागत पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि एक दिन का अधिवेशन कम से कम डेढ़ से दो करोड़ रुपये खर्च करता है। क्या यह पैसा गंदी राजनीति और छींटाकशी के लिए है? राज्य की तिजोरी खाली है, विकास निधि अटकी है और जनता के मुद्दे लंबित हैं, लेकिन सरकार और नेता सिर्फ मीडिया में बने रहने के लिए ऐसे तमाशे कर रहे हैं। आखिर में उन्होंने मीडिया को भी सलाह देते हुए कहा कि जो थोड़ी-बहुत समझदार आवाजें मीडिया में बची हैं, उनसे मेरी विनती है कि इन भंपक प्रकरणों में उलझें नहीं। ये भी पढ़ें- मुंबई के भारत नगर में एक मंजिला चॉल ढहने से मलबे में फंसे लोग, लेवल-1 की घटना घोषित


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