मुंबई में 5 दिनों से चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन में बड़ा अपडेट है। प्रदेश सरकार के मंत्री मंडल ने मराठा आरक्षण नेता मनोज जरांगे पाटिल से मुलाकात की है। मनोज ने दावा किया है कि महाराष्ट्र सरकार ने हैदराबाद गजट को लागू करने की प्राथमिक मांग मान ली है। इस मांग को मराठों को कुनबी किसान समुदाय से संबंधित बताया गया है।
बता दें कि मनोज जरांगे अपने हजारों समर्थकों के साथ कुछ दिनों से आजाद मैदान में प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को कैबिनेट की एक उप-समिति ने आजाद मैदान में विरोध स्थल पर मनोज जारंगे पाटिल से मुलाकात की और सरकार की योजना पर चर्चा की।
महाराष्ट्र सरकार ने ये मांगें मानी
विरोध प्रदर्शन कर रहे मनोज जरांगे की प्रदेश सरकार ने मांगे मान ली हैं। इसमें हैदराबाद गजेट के कार्यान्वयन के लिए शासन निर्णय, आंदोलन में मृतकों के वारिसों को आर्थिक सहायता, आंदोलन में मृतकों के वारिसों को सरकारी नौकरी, मराठा आंदोलनकारियों पर लगे केस वापस लेना, लंबित जाति जांच पड़ताल को मान्यता देना जैसी मांगे मान ली हैं।
---विज्ञापन---
यह भी पढ़ें: मुंबई की बेस्ट बस में पर मराठा आंदोलनकारियों का हंगामा, यात्री की पिटाई कर खिड़की के शीशे तोड़े
---विज्ञापन---
सरकार ने ये मांग नहीं मानी
सरकार ने मनोज जरांगे की सातारा गजेट के कार्यान्वयन के लिए 1 महीने की समय सीमा निर्धारित करना करने की मांग नहीं मानी है। सरकार ने कहा कि मराठा-कुणबी एक ही हैं, इस संबंध में शासन निर्णय के लिए 2 महीने की समय सीमा निर्धारित की गई है।
क्या बोले मनोज जरांगे?
प्रदर्शन खत्म करते ही मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि मराठा आज विजयी हुए हैं और हम खुश हैं। जारंगे ने कहा कि आज हमारे लिए दिवाली है, क्योंकि हमें वो मिल गया जो हम चाहते थे। प्रदर्शनकारियों ने भगवान को धन्यवाद देने के लिए गणपति आरती की। जारंगे ने घोषणा की कि आरती के बाद, विरोध प्रदर्शन औपचारिक रूप से समाप्त हो जाएगा।
जूस पीकर खत्म किया अनशन
कैबिनेट उपसमिति के प्रमुख राधाकृष्ण विखेपाटिल ने सरकार का प्रस्ताव स्वीकार करने के लिए जारंगे को धन्यवाद दिया। इसके साथ ही जरांगे को जूस पिलाकर अनशन तुड़वाया। इससे जरांगे और उनके समर्थक काफी खुश नजर आए। एक्स प्लेटफॉर्म पर विखेपाटिल ने लिखा कि जारांगे पाटिल द्वारा उठाई गई मांगों के संबंध में महाराष्ट्र राज्य मंत्रिमंडल उपसमिति की चर्चा की जानकारी दी थी। कहा था कि सरकार "मराठा समुदाय की उचित मांगों के लिए सकारात्मक कदम" उठा रही है।
यह भी पढ़ें: कौन हैं मनोज जारंगे? मराठा आरक्षण को लेकर कर रहे प्रदर्शन, थाम दी मुंबई की रफ्तार