Maharashtra Politics : क्या महाराष्ट्र की सियासत गरमाने वाली है? क्या पवार परिवार में सत्ता की लड़ाई खत्म होने वाली है? क्या एनसीपी के दोनों धड़े एक हो जाएंगे? राज्य की राजनीति में यह सवाल लंबे समय से है, इस बार इसकी वजह शरद पवार के पोते रोहित पवार का एक बयान बना है। जब उनसे पूछा गया कि दोनों एनसीपी के बीच विलय की क्या संभावना है? इस पर रोहित पवार ने कहा कि सुप्रिया सुले ही इस पर अंतिम फैसला लेंगी, जो इस वक्त विदेश में हैं। इस बीच अकेले में शरद पवार और अजित पवार के बीच रविवार को बैठक हुई।
नागालैंड में अजित पवार की एनसीपी को बड़ा झटका लगा और सात विधायक सत्तारूढ़ NDDP में शामिल हो गए। इस दौरान पुणे से आई एक तस्वीर ने सूबे की सियासत को गरमा दिया, जहां शरद पवार और अजित पवार के बीच 7 मिनट तक बैठक हुई। इस मीटिंग को लेकर सियासी हलकों में कई तरह चर्चाएं शुरू हो गईं। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले कुछ समय से चाचा-भतीजे के साथ आने की अटकलें लगाई जा रही थीं। इससे एक दिन पहले रोहित पवार द्वारा विलय को लेकर साफ इनकार न करना और पूरी बात को सुप्रिया सुले पर छोड़ना मायने रखता है। इससे पहले भी शरद पवार खुद कह चुके हैं कि विलय का फैसला सुप्रिया सुले लेंगी।
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अकेले में शरद-अजित पवार के बीच हुई बात
पहले रोहित पवार हो या फिर परिवार का कोई अन्य सदस्य दोनों एनसीपी के साथ आने की बातों को सिरे से खारिज करता था। ऐसे में अब अगर उन्होंने एकता की बात पर खुलकर जवाब नहीं दिया है तो इसके मायने निकाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि परिवार में अंदरखाने कुछ न कुछ चल रहा है। इस बीच पुणे में शुगर कोऑपरेटिव समूह की बैठक होती है। इस बैठक में अजित पवार, दिलीप वलसे पाटिल, शरद पवार समेत सभी लोग मौजूद रहे। जब मीटिंग खत्म हो रही थी तब अजित पवार और शरद पवार उसी मीटिंग में 5-7 मिनट तक अकेले बात करते नजर आए। इससे पहले संजय राउत ने बोला था कि दोनों एनसीपी साथ आने को तैयार हैं, लेकिन प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे नहीं चाहते हैं।
रोहित पवार के बयान से तेज हुई चर्चा
इस समय सुप्रिया सुले विदेश में हैं। वो ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दुनिया के देशों को देने वाले डेलिगेशन के साथ गई हैं, जो 5 जून को वापस लौटेंगी। रोहित पवार ने कहा कि हम सभी उनका इंतजार कर रहे हैं। अजित पवार गुट के साथ विलय को लेकर हमारे विधायकों या कार्यकर्ताओं के बीच कोई बात नहीं हुई। सुप्रिया सुले ही लौटने के बाद कोई फैसला लेंगी। दरअसल, माना जा रहा है कि शरद पवार भाजपा और एनसीपी की अजित पवार के साथ गठबंधन पर विचार कर रहे हैं, लेकिन अभी भी कुछ स्पष्ट नहीं है। इसकी वजह है कि शरद पवार का राजनीतिक रूप से चौंकाने का इतिहास रहा है। पिछले कुछ समय से शरद पवार और अजित पवार के मंच साझा करने और मुलाकात करने का सिलसिला बढ़ गया है, इसलिए महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से कयास तेज हैं कि दोनों नेता साथ आ सकते हैं।
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