महाराष्ट्र में किसानों के लिए एक बुरी खबर आई है। राज्य सरकार ने 1 रुपये में मिलने वाली फसल बीमा योजना को बंद करने का फैसला किया है। यह योजना 2023 में शुरू की गई थी और इसे विधानसभा चुनावों के समय एक बड़ा गेम चेंजर माना गया था। इस योजना के तहत किसानों को केवल 1 रुपये देकर फसल बीमा का लाभ मिलता था। इससे लाखों किसानों को राहत मिलने की उम्मीद थी। लेकिन अब सरकार ने इसे फर्जीवाड़े का शिकार बताते हुए बंद कर दिया है।
जांच में सामने आए 5.9 लाख फर्जी आवेदन
सरकार की ओर से बताया गया कि इस योजना में बड़े स्तर पर घोटाला हुआ है। जांच में यह सामने आया कि करीब 5.9 लाख फर्जी आवेदन इस योजना के तहत दिए गए थे। कई कॉमन सर्विस सेंटरों (CSC) ने धोखाधड़ी करके इन फर्जी आवेदनों को प्रोसेस किया। रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 96 सेंटरों ने मिलकर इस घोटाले को अंजाम दिया। इतना ही नहीं कई मामलों में जिस जमीन का बीमा कराया गया, वह खेती योग्य भी नहीं थी। कुछ फर्जी आवेदन धार्मिक स्थलों, सरकारी जमीनों और दूसरे राज्यों के लोगों के नाम पर भी किए गए।
6 हजार करोड़ के नुकसान से बची सरकार
इन सभी फर्जी आवेदनों की वजह से सरकार को लगभग 6,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता था। लेकिन जांच से पहले ही इस घोटाले का पता चल गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सरकार नहीं चाहती कि असली किसानों को नुकसान हो और फर्जी लोग इसका फायदा उठाएं। इसलिए सरकार ने यह योजना बंद कर दी है। अब सरकार कह रही है कि वह एक नई योजना लाएगी जो साफ-सुथरी और टेक्नोलॉजी से अच्छी तरह जुड़ी होगी। उन्होंने भरोसा दिया है कि असली किसानों का फायदा सबसे पहले ध्यान में रखा जाएगा।
SIT जांच जारी
इस पूरे मामले की जांच अब SIT को सौंपी गई है। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालांकि इस फैसले से असली किसानों में निराशा है। जिन किसानों ने योजना पर भरोसा किया था, उन्हें अब सरकार से दोबारा उम्मीद है कि कोई मजबूत और भरोसेमंद योजना जल्द लागू होगी। इस बीच विपक्ष ने भी सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया है कि इतनी बड़ी संख्या में फर्जी आवेदन सरकार की लापरवाही का नतीजा है।