धारावी पुनर्विकास परियोजना (DRP) के सीईओ SVR श्रीनिवास ने कहा है कि भारत के सबसे बड़े स्लम एरिया धारावी के पुनर्विकास का मकसद ‘सभी के लिए आवास’ है। महाराष्ट्र सरकार का लक्ष्य ही पुनर्वास को यथासंभव बेहतर बनाना और प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करना है। श्रीनिवास ने यह भी कहा कि पुनर्विकास के बाद धारावी का विस्तार भी किया जा सकता है। धारावी SME क्षेत्र बन सकता है और व्यवसाय केंद्र बन सकता है, जिससे धारावी के निवासियों के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो सकते हैं। धारावी का पुनर्विकास अडाणी ग्रुप और महाराष्ट्र सरकार के बीच एक जॉइंट प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा।
झुग्गी-मुक्त महाराष्ट्र बनाना मकसद
सीईओ SVR श्रीनिवास ने कहा है कि धारावी पुनर्विकास परियोजना का लक्ष्य ‘सभी के लिए आवास’ के साथ आजीविका उपलब्ध कराना है। परियोजना का उद्देश्य झुग्गी-मुक्त मुंबई बनाना है। झुग्गी-मुक्त महाराष्ट्र बनाना है। ANI को दिए इंटरव्यू में CEO श्रीनिवास ने कहा कि प्रोजेक्ट न केवल धारावी का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाएगा, बल्कि रेसिलिएंट इकोलॉजी का निर्माण भी धारावी में प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा। मुंबई के पुनर्विकास के लिए धारावी का पुनर्विकास महत्वपूर्ण है। यह झुग्गी-मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में भी एक कदम है।
धारावी को टाउनशिप में विकसित करना
CEO श्रीनिवास ने कहा कि प्रोजेक्ट का मकसद सभी को आशियाना देना है। यह भारत में अब तक की सबसे बड़ी स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (SRA) परियोजना होगी। इस परियोजना का मकसद एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी को टाउनशिप बनाना है। प्रोजेक्ट केवल घर देने के लिए नहीं, बल्कि आजीविका संरक्षित करने की दिशा में पहल भी है।
धारावी के लोगों का जीवन बदलना मकसद
CEO श्रीनिवास ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पिछले महीने ही प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी, जिसका मकसद मुंबई के बीचों-बीच धारावी के लोगों के लिए एक जिला बनाने का प्रयास है। प्रोजेक्ट धारावी के लोगों का जीवन और रहने की स्थिति को बदल देगा। यह परियोजना धारावी के निवासियों की जीवन गुणवत्ता को और बढ़ाएगी।