Mumbai News: मुंबई के दादर में एक व्यक्ति ने जैन समुदाय के खिलाफ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठने की घोषणा की है। दादर निवासी का आरोप है कि उसके भाइयों ने गलत तरीके से पैतृक संपत्ति हड़प ली है, जिसे वह समुदाय के जरिए सुलझाने की मांग कर रहा है, लेकिन समुदाय ऐसा करने में विफल रहा है।
जैन समुदाय के सोशल मीडिया ग्रुप में वायरल हुए एक हैंडरिटन लेटर ने समुदाय के सदस्यों के बीच हलचल मचा दी है। इस पत्र के अनुसार, हरखचंद देधिया (60) ने घोषणा की है कि वह अपने परिवार के संपत्ति विवाद को हल करने में विफल रहने के कारण शनिवार से अपने समुदाय वागड़ विश्व ओसवाल जैन संघ के खिलाफ आमरण अनशन पर रहेंगे। उन्होंने दावा किया कि जब तक समुदाय मामले में हस्तक्षेप नहीं करता और उन्हें संपत्ति का हिस्सा नहीं दिला देता, तब तक वह खाना या पानी नहीं लेंगे।
व्यक्ति ने लगाया आरोप
हरखचंद देधिया ने आरोप लगाया है कि उनके भाइयों और उनके परिवारों ने उन्हें उनके माता-पिता की संपत्ति के हिस्से से वंचित रखा, जिसमें फ्लैट, जमीन के टुकड़े, नकदी और आभूषण शामिल हैं। देधिया ने आरोप लगाया कि उनके भाइयों ने उन्हें परिवार की संपत्ति से बेदखल करने के लिए गलत तरीके से अपने पिता से वसीयत बनवाई है और उन्हें कानूनी परेशानी में डालने के लिए उनके खिलाफ फर्जी मामला भी दर्ज कराया है।
भाइयों ने उनकी पत्नी के आभूषण भी हड़पे
हरखचंद देधिया ने भूख हड़ताल की घोषणा का पत्र समुदाय के पदाधिकारियों, स्थानीय पुलिस और राजनीतिक नेताओं समेत 30 से अधिक लोगों को भेजा गया है। पत्र के जरिए देधिया ने आरोप लगाया कि उनके भाइयों ने उनकी पत्नी के सोने और हीरे के आभूषण भी हड़प लिए हैं और बाकी पैतृक संपत्ति को तीन हिस्सों में बांट दिया है, जिससे देधिया को बाहर रखा गया है।
देधिया ने बताया कि न केवल मेरी पैतृक संपत्ति बल्कि मेरी मेहनत की कमाई जो मैंने अपने पिता को दी थी, मेरे भाइयों ने उसे भी रोक लिया है। मेरे पास अपने परिवार को खिलाने या उनके इलाज के खर्च के लिए भी पैसे नहीं हैं और इसलिए यह साफ है कि मैं इस मामले को कानूनी रूप से आगे नहीं बढ़ा सकता। मैंने अपने समुदाय से इस मामले को सुलझाने में मदद करने के लिए कई बार अनुरोध किया है, लेकिन सब बेकार गया है।
समुदाय के अध्यक्ष क्या बोले
मुंबई वागड़ विश्व ओसवाल समुदाय के अध्यक्ष नागजी रीता ने आरोपों का खंडन करते हुए दावा किया कि समुदाय ने पहले भी इस मामले को सुलझाने की कोशिश की थी, लेकिन दोनों पक्षों ने सहयोग नहीं किया। सबसे पहले भाइयों के बीच का पारिवारिक मामला है और समुदाय को अनावश्यक रूप से इसमें घसीटा गया है। जबकि देधिया का दावा है कि उन्हें उनका हिस्सा नहीं दिया गया है। उनके भाइयों ने दावा किया है कि उन्होंने पहले ही उन्हें उनका हिस्सा दे दिया है जो उन्होंने खत्म कर दिया है। हमने उन्हें परिवार के करीबी रिश्तेदारों के जरिए इस मामले को सुलझाने की सलाह भी दी, लेकिन वे सहयोग करने के लिए तैयार नहीं हैं।
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