मुंबई में 51 वर्षीय आशीष गोयल लोअर परेल हाउसिंग बिल्डिंग में रह रहे हैं। उनके साथ ही उनका पालतू अंधा कुत्ता भी रहता है। उन्होंने उस अंधे कुत्ते का नाम ओजी रखा है। एक दिन गोयल अपने पालतू कुत्ते को लिफ्ट से ले जा रहे थे। तभी वहां के सदस्य ने कुत्ते को लिफ्ट से ले जाने पर मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख लिया। गोयल ने वकील सिद्ध विद्या के जरिए पालतू जानवरों के अधिकारों की रक्षा के लिए हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है। इसके अलावा, सोसाइटी ने अपना फैसला सुनाया है कि जिस लिफ्ट का इस्तेमाल यहां के लोग करते हैं, उस लिफ्ट में कुत्ते को नहीं ले जा सकते हैं।
अंधे कुत्ते को लिफ्ट में ले जाने से रोका
बता दें कि एक दिन गोयल के साथ पालतू कुत्ते को लिफ्ट में देखकर सोसाइटी के एक सदस्य ने 14 जनवरी 2024 को लिफ्ट का इस्तेमाल करने से मना कर दिया। सदस्य ने कहा कि गोयल सोसाइटी के नियमों का उल्लंघन कर रहा है। इसी कारण से परेशान होकर गोयल ने सदस्य के खिलाफ गैर-संज्ञेय शिकायत दर्ज कराई। गोयल ने शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उसी रात 260 सदस्यों के व्हाट्सएप ग्रुप में बाधा डालने वाले सदस्य ने यह भी झूठा दावा किया कि ऐसे नियम हैं जो पालतू जानवरों के साथ सदस्यों को कुछ लिफ्टों का उपयोग करने से रोकते हैं।
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बिल्डिंग में 4 टावर तथा 229 फ्लैट
मुंबई के रहने वाले गोयल गणपतराव कदम मार्ग में स्थित मैराथन एरा कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी की एरा-2 बिल्डिंग में 22वीं मंजिल पर रहते हैं। सोसाइटी में 36 मंजिलों वाले चार टावर हैं। बता दें कि उस बिल्डिंग में कुल 229 फ्लैट हैं। चारों टावर आपस में जुड़े हुए हैं और कॉमन एक्सेस, कॉमन एरिया और लॉबी, लिफ्ट, पार्किंग, गार्डन, जिम जैसी कॉमन सुविधाएं साझा करते हैं। उस लोअर परेल में छह सामान्य लिफ्ट हैं। इन लिफ्टों में से 1, 2 और 3 का इस्तेमाल सिर्फ सदस्यों, किरायदारों और मेहमानों के लिए है। नौकरों और सोसाइटी के कर्मचारी 1, 2 और 3 लिफ्ट का उपयोग नहीं कर सकते हैं। इनके लिए अलग से 4, 5 और 6 लिफ्ट लगी हुई हैं।
जन्म से अंधा है ओजी
4 साल पहले दिवाली के दिन एक फीमेल डॉग ने 8 पपी को जन्म दिया था। उनमें से एक अंधा कुत्ता ओजी भी शामिल था, जो जन्म से ही अंधा था। अंधे होने के कारण वह दूध के लिए अपनी मां के पास नहीं जा सकता था। ओजी एक दिन पास के एक तालाब में गिर गया। वहां से गुजरते हुए गोयल को कुत्ते की दुर्दशा देखकर बड़ा दुःख हुआ। कुत्ते को उसे अपने पास रखने का फैसला कर लिया और उसको अपने घर ले आए। तभी से गोयल उसकी देखभाल कर रहे हैं।
पशुओं के लिए कानून बनाए गए
गोयल ने आरोप लगाया है कि पालतू पशु-जानवरों के लिए बनाए गए नियमों और निर्धारित दंड भारतीय पशु कल्याण बोर्ड द्वारा जारी निर्देशों का उल्ंलघन करने की कोशिश की है। बता दें कि जिस दिन गैरकानूनी बाधा खड़ी हुई थी उसके दूसरे दिन (25 फरवरी, 2024) समिति द्वारा मैराथन एरा सीएचएस के निवासियों के लिए पालतू जानवरों पर नीति और दिशा-निर्देश से एक नोटिस जारी किया गया। उन्होंने कहा कि नीति महाराष्ट्र कोऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट का उल्लंघन करके बनाई गई है। वकील सिद्ध विद्या ने कहा कि पालतू-पशुओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए नियम तो बनाए गए हैं, लेकिन कोई इनका पालन करता है कोई नहीं करता है। उन्होंने कहा कि यह याचिका इस बात को सुनिश्चित करने के लिए है कि पशुओं के लिए जो कानून बनाए गए हैं सभी को इसका सम्मान करना चाहिए।
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