Mumbai news: पुणे के पिंपरी-चिंचवड़ में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट ) के पदाधिकारियों की बैठक में शरद पवार ने भाजपा के साथ जाने की संभावनाओं पर पूर्णविराम लगाते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि भाजपा से हाथ मिलाने का विचार हमारी पार्टी या कांग्रेस की मूल विचारधारा में नहीं है। सत्ता के लिए समझौता करना हमें मंजूर नहीं। यह बयान ऐसे समय आया है जब महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता और पुनर्गठनों की चर्चाएं जोरों पर हैं।
अजित पवार गुट के भाजपा के साथ जाने के बाद कई बार यह सवाल खड़ा हुआ कि शरद पवार गुट भी आगे चलकर गठबंधन की दिशा में जा सकता है। लेकिन अब शरद पवार ने अपने कार्यकर्ताओं के सामने इस पर पूर्ण विराम लगा दिया है।
सभी को साथ लेना है, लेकिन किसे: शरद पवार
शरद पवार ने अपने भाषण में कहा कि किसी ने मुझसे कहा कि सभी को साथ लेकर चलना चाहिए। मैं पूछना चाहता हूं कि ‘सभी’ का मतलब क्या है? अगर वो गांधी-नेहरू, यशवंतराव चव्हाण, महात्मा फुले, शाहू महाराज और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों को मानने वाले हैं, तो मैं सहमत हूं। लेकिन अगर कोई केवल सत्ता पाने के लिए भाजपा के साथ बैठने की सोच रखता है, तो वह हमारी विचारधारा से मेल नहीं खाता।
राजनीति विचारों पर आधारित होनी चाहिए, अवसरवाद पर नहीं : शरद पवार
पवार ने आगे कहा कि राजनीति में विचारधारा का महत्व सर्वोपरि है। आजकल अवसरवादी राजनीति को बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन हमें वैसा नहीं बनना। हमारी राजनीति सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और समानता की बुनियाद पर टिकी है,अजित पवार गुट ने जुलाई 2023 में भाजपा से हाथ मिलाया था और उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार किया था इसके बाद से शरद पवार गुट पर लगातार दबाव था कि वे भी सत्ता में भागीदारी के लिए कदम उठाएं।महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के पहले यह बयान राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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