Madhya Pradesh Rain: मध्य प्रदेश में पिछले एक हफ्ते से जारी बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। प्रदेश के कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि से 80 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान हुआ है। जबकि अभी आने वाले दिनों में भी एमपी में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई गई है।
बारिश और ओलों से फसल तबाह
बारिश और ओलों से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। क्योंकि चना, मसूर और गेंहू की फसल पककर तैयार हो चुकी थी। ऐसे में बारिश और ओलावृष्टि पूरी तरह से गीली हो गई। ओलावृष्टि का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि खेतों में फसलें बिछ गई। जबकि उन पर ओलों की परत जम गई। ऐसे में प्रदेश में गेहूं, चना, सरसों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। प्रदेश में कहीं तेज हवा के साथ बारिश हुई तो कही ओलों का प्रकोप देखने को मिला।
मध्यप्रदेश में कश्मीर जैसी बर्फ देखिए
लेकिन बर्बाद फसलों में किसानों के आंसू भी दिखेंगे।@news24tvchannel @ChouhanShivraj @OfficeOfKNath pic.twitter.com/RzeFJoA4xF— Vipin Shrivastava (@JournalistVipin) March 20, 2023
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एमपी में बारिश से बर्बाद हुई फसलों का अनुमान
मध्य प्रदेश में बारिश से फसलों के नुकसान की बात की जाए तो प्रदेश के करीब 20 से भी ज्यादा जिलों में बारिश और ओलावृष्टि से फसलें खराब हुई है। इन जिलों में करीब 60 से 80 प्रतिशत फसलें पूरी तरह से खराब हो चुकी है। लाखों हेक्टेयर की फसलों को इस साल किसान ने किया था उपार्जन, मौसम की मार के कारण फसलों को 70% से अधिक नुकसान हुआ है, यानि प्रदेश में हजारों करोड़ों से भी ज़्यादा की फसल खराब हो चुकी है।
सर्वे के मुताबिक अब तक एमपी में साढ़े तीन हजार से ज्यादा गांवों में 1.5 लाख हेक्टेयर से ज्यादा की फसल को नुकसान हो चुका है। शुरुआती सर्वे में जहां ओले पड़े हैं, वहां फसलों को 50 से 85 प्रतिशत तक नुकसान माना जा रहा है। जबकि विदिशा, मंदसौर, रायसेन जिले में भी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
सीएम ने सर्वे के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों के लिए अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें फसलों के नुकसान को लेकर सर्वे के निर्देश दिए गए हैं। सीएम शिवराज ने 25 मार्च तक सभी सर्वे पूरे करने के निर्देश दिए हैं। सीएम शिवराज ने कलेक्टरों को ही फसलों को सर्वे कराने की बात कही है।