यहां पंचायत में लगती है महिलाओं की ‘बोली’; मां-बाप और पति की मौजूदगी में होती है ‘नीलामी’
Madhya Pradesh Crime News: मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले की एक कुप्रथा के बारे में बता रहे हैं। जहां पंचायत में बहू-बेटियों की बोली लगाई जाती है। बोली के लिए लाखों रुपये वसूल किए जाते हैं। जो सबसे अधिक बोली देता है, उसे बेटी और बहू सौंप दी जाती है। मंडी में बेचने के लिए कोई दूसरा नहीं आता। घरवाले खुद सौदा करते हैं। पति, माता-पिता की मौजदूगी में सरेआम नीलामी होती है। शादी के बाद पति अपनी पत्नी का सौदा करता है।
यह कुप्रथा वर्षों से चली आ रही है। इसे नातरा झगड़ा प्रथा कहा जाता है। लेकिन अब इसके खिलाफ पुलिस एक्शन लेने लगी है। पिछले दिनों एक मामला सामने आया था। जब एक शख्स को एसपी ने हनुमान मंदिर में ले जाकर माफी मंगवाई थी। इसकी कैद से महिला को आजाद करवाया गया था।
हर साल आते हैं कई मामले
बताया जा रहा है कि राजगढ़ जिले में यह प्रथा वर्षों से जारी है। हर साल नातरा झगड़ा के पुलिस सैकड़ों केस दर्ज करती है। इस बुराई को मिटाने के लिए कई एनजीओ भी अभियान चला रहे हैं। लेकिन आज भी कई जगह यह प्रथा जारी है। जिसकी वजह से कई महिलाओं का जीवन तबाह हो चुका है। कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें एसपी आदित्य मिश्रा मंदिर में एक बुजुर्ग को माफी मंगवाते दिखे थे। बुजुर्ग महिला की कसम खाता दिखा था कि वह आगे से ऐसा नहीं करेगा। जिसके बाद सियासत भी गरमा गई थी।
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आरोप है कि उस शख्स ने अपने दोस्त की बेटी की बोली दी थी। लड़की का बाल विवाह हुआ था, जिसे पति नहीं रखना चाह रहा था। इसके बाद नातरा झगड़ा के लिए पंचायत हुई। जिसमें महिला की बोली लगी। MP पुलिस ने मामला सामने आते ही एक्शन लिया था। पुलिस ने महिला को उसकी मां के हवाले कर दिया था। डेढ़ लाख में लड़की को बेचने के आरोप लगे थे।
शादी के लिए की जाती है डिमांड
नातरा झगड़ा प्रथा उन इलाकों में जारी है, जहां बाल विवाह होते हैं। शादी के बाद लड़की का ससुराल में शोषण होता है। जिसके बाद लड़की को ससुराल वाले रखने से मना कर देते हैं। उसे मायके भेज दिया जाता है। लेकिन पति महिला को तलाक नहीं देता। क्योंकि पीहर पक्ष के लोग तलाक के लिए लाखों की डिमांड करते हैं। जिसके बाद नातरा झगड़ा के तहत दोनों पक्ष पंचायत बुलाते हैं। लड़का पक्ष अपनी डिमांड रखता है। अगर लड़की पक्ष के लोग इस डिमांड को पूरा नहीं कर पाते तो लड़की की शादी किसी और से करवाने का फैसला होता है। शादी के बदले पैसे लिए जाते हैं। जिसके बाद नातरा झगड़ा खत्म होता है।
लड़की वाले अगर पैसे नहीं देते हैं तो ससुराल वाले परेशान करते हैं। मजबूर होकर परिजनों को ऐसी पंचायत बुलानी पड़ती है। 2019 से लेकर अब तक की बात करें तो पुलिस के सामने 817 मामले आ चुके हैं। वहीं, पिछले 3 साल में 458 मामले पुलिस ने दर्ज किए हैं। लोगों को पुलिस अभियान चलाकर भी इस प्रथा के खिलाफ जागरूक कर रही है।
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