MP Exit Polls 2023 Results BJP Leading: आज के एग्जिट पोल में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा को बहुमत मिल रहा है। मध्य प्रदेश में इस समय भी भाजपा की सरकार है और शिवराज चौहान मुख्यमंत्री हैं। प्रदेश में 17 नवंबर को 230 निर्वाचन क्षेत्रों में एक ही चरण में मतदान हुआ और करीब 71.11 प्रतिशत वोटिंग हुई। 52 जिलों के 2,534 उम्मीदवारों का किस्मत का फैसला 3 दिसंबर को होगा। राज्य में कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। करीब 5.6 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर हैं। का भाग्य टिका हुआ है। राज्य के कुल 5.6 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर्स हैं। इसमें 2.88 करोड़ पुरुष और 2.72 करोड़ महिला मतदाता हैं। LGBTQ+ समुदाय के 1292 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं एग्जिट पोल के अनुसार, अगर भाजपा मध्य प्रदेश में जीत जाती है तो उसके क्या कारण होंगे, आइए इस पर बात करते हैं…
लाड़ली बहन योजना
मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत का दावा किया जा रह है लाड़ली बहन योजना के कारण, जिसे गेम चेंजर मना जा रहा है। मुख्यमंत्री खुद कह चुके हैं कि इस बार चुनाव में महिलाओं ने खुलकर वोटिंग की। लाडली बहनों का समर्थन पार्टी को मिला है। भाजपा सरकार इस योजना के तहत हर महीने 1250 रुपये देगी। ऐसे में प्रदेश में जहां महिला वोटर्स की संख्या ज्यादा है, वहां पार्टी को बहुमत मिल सकता है।
कमलनाथ की अलोकप्रियता
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा मध्य प्रदेश में जीत का दावा कर रही क्योंकि कांग्रेस के कमलनाथ लोकप्रिय नेता नहीं हैं। हालांकि भाजपा ने शिवराज चौहान को CM फेस नहीं बनाया है, लेकिन वे करीब 16 सालों से मुख्यमंत्री पद पर हैं। प्रदेश में उनके कद का कोई दूसरा नेता भी नहीं है। पार्टी ने उम्मीदवार तय करने में भी शिवराज को अहमियत दी, ऐसे में भाजपा को शिवराज के चेहरे पर वोट मिले होंगे, ऐसा क्या भाजपा लगा रही है।
दिग्विजय-कमलनाथ की लड़ाई
मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत का एक कारण दिग्विजय और कमलनाथ के बीच चल रही लड़ाई हो सकती है। कांग्रेस की सूची जारी करने के दौरान मतभेद उभरे थे। यशोधराराजे सिंधिया ने ऐलान किया कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी तो कमलनाथ ने कहा कि दिग्विजय और उनके बेटे की धोती फाड़िए। यह बयान वायरल हुआ और दोनों नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हुई। इससे वर्कर्स में गलत संदेश गया, जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है।
विपक्ष के तौर पर कांग्रेस विफल
भाजपा को मध्य प्रदेश में बढ़त मिल रही है, क्योंकि कांग्रेस विपक्ष की भूमिका निभाने में फेल रही है। कमलनाथ की सरकार गिरने से कांग्रेस को झटका लगा। सरकार गिराने के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को जिम्मेदार ठहराया तो उनकी छवि भी धूमिल हुई। दिग्विजय 10 साल में काफी अलोकप्रिय नेता रहे। उम्मीदवारों की घोषणा के समय जिस तरह से कमलनाथ और पार्टी के बीच मतभेद दिखे, उससे वर्करों में संदेश गया कि पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं। इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है।
शिवराज को CM फेस नहीं बनाया
मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत का एक कारण शिवराज चौहान को CM फेस नहीं बनाना है। क्योंकि कुछ कट्टर भाजपा समर्थक मुख्यमंत्री में बदलाव चाहते हैं। इसके मद्देनजर भाजपा ने शिवराज को मुख्यमंत्री चेहरा नहीं बनाया, जिससे पार्टी समर्थकों की भावनाएं शांत हुईं। वोटरों का वर्ग भी मुख्यमंत्री का चेहरा बदलना चाहता है, क्योंकि वे उनसे नाराज हैं। ऐसे में भाजपा का मुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री फेस घोषित न किए जाने से भी भाजपा को फायदा होगा। अब देखना यह होगा कि अगर भाजपा जीतेगी तो मुख्यमंत्री चेहरा कौन होगा?
शिवराज कह चुके- पद की चिंता नहीं’
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शिवराज चौहान एक इंटरव्यू के दौरान कह चुके हैं कि अगर भाजपा चुनाव जीती तो मुख्यमंत्री बनाना पार्टी के नेतृत्व का काम है। मैं भाजपा का एक साधारण कार्यकर्ता हूं और यह मेरी जिम्मेदारी है कि जो जिम्मेदारी तय की जाएगी, मैं उसका निर्वहन करूं। भाजपा की ओर से CM पद के चेहरे का ऐलान न किए जाने को लेकर कहा कि मुझे पद की चिंता नहीं है। मैं शिवराज सिंह चौहान हूं और यह छोटी-छोटी बातें मेरे व्यक्तित्व और कर्म पर कोई प्रभाव नहीं छोड़ सकतीं। भाजपा एकमात्र कार्यकर्ता आधारित पार्टी है, हमारा उद्देश्य और प्लान भारत माता की सेवा करना और समाज का कल्याण सुनिश्चित करना है। हमारी पार्टी में सत्ता विरोधी लहर जैसी कोई चीज नहीं है।