MP liquor ban 2025: एमपी में 1 अप्रैल से नर्ह आबकारी नीति लागू होने जा रही है। इस नीति के तहत अब 1 अप्रैल से लो अल्कोहलिक बेवरेज बार खुलेंगे। जबकि 17 पवित्र शहरों समेत 19 जगहों पर शराब की ब्रिकी पर प्रतिबंध रहेगा। न्यूज एजेंसी ने ये जानकारी शेयर की है।
जानकारी के अनुसार इस बार बीयर, वाइन और रेडी टू ड्रिंक अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ ही पीने की अनुमति होगी। जिसमें अधिकतम 10 प्रतिशत अल्कोहल होगा। बार में स्प्रिट का सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। वर्तमान में पूरे एमपी में 460-470 बीयर बार हैं। लेकिन नई शराब नीति में आउलेट्स की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
इन जिलों में शराब बेचने पर प्रतिबंध
अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि 1 अप्रैल से 17 पवित्र शहरों समेत 19 स्थानों पर शराब बेचना प्रतिबंधित रहेगा। इससे शराब की 47 दुकानों पर ताला लग जाएगा। नई शराब नीति के तहत मंडलेश्वर, महेश्वर, ओंकारेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकुट, दतिया, अमरकंटक, उज्जैन और सलकनपुर शामिल हैं। सरकार को नई नीति से राजस्व में लगभग 450 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। ऐसे क्षेत्रों में लोगों के बाहर से शराब लाने और उसे व्यक्तिगत रूप से पीने पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा।
ये भी पढ़ेंः दिल्ली की भगदड़ के बाद MP के रेलवे स्टेशन से सामने आया खौफनाक वीडियो; सुरक्षा व्यवस्था की उड़ी धज्जियां
दुकानों की लाइसेंस फीस बढ़ाई
अधिकारियों ने बताया कि बिहार के अलावा गुजरात में भी शराबबंदी कानून है। जबकि एमपी में केवल आबकारी अधिनियम लागू है। अगले वित्त वर्ष के लिए नई शराब नीति में लाइसेंस के लिए 20 प्रतिशत शुल्क की वृद्धि की गई है। हालांकि हेरिटेज शराब और वाइन का प्रोडक्शन के लिए बने कानून-कायदे एक जैसे ही रहेंगे। विदेशी शराब बनाने वाली इकाईयां अगले वित्त वर्ष से शराब बनाने, भंडारण, आयात, निर्यात और बेचने की अनुमति रहेगी। अनुमान के अनुसार इस बार एमपी में 3600 शराब की दुकानों से 15200 करोड़ रुपये का राजस्व सरकार को मिलेगा।
ये भी पढ़ेंः Groom Collapses On Horse : शादी से पहले दूल्हे की सांसें बंद, घोड़ी पर बैठे अचानक मौत