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रक्षा मंत्रालय का बड़ा फैसला, मध्य प्रदेश में खत्म होंगी ये सैन्य छावनी परिषद, इस वजह से लिया फैसला

MP News: मध्य प्रदेश में रक्षा मंत्रालय ने पांच सैन्य छावनी परिषदों को खत्म करने का फैसला किया है। ये सैन्य छावनी खत्म करने के बाद यहां सिविल एरिया के लिए पालिका का गठन होगा, क्योंकि रक्षा मंत्रालय का तर्क है रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा इन छावनियों के विकास पर खर्च हो रहा […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: May 2, 2023 14:15
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Mhow Pachmarhi Military Cantonment
Mhow Pachmarhi Military Cantonment

MP News: मध्य प्रदेश में रक्षा मंत्रालय ने पांच सैन्य छावनी परिषदों को खत्म करने का फैसला किया है। ये सैन्य छावनी खत्म करने के बाद यहां सिविल एरिया के लिए पालिका का गठन होगा, क्योंकि रक्षा मंत्रालय का तर्क है रक्षा बजट का एक बड़ा हिस्सा इन छावनियों के विकास पर खर्च हो रहा है।

ये पांच छावनी खत्म होंगी

बता दें कि रक्षा मंत्रालय ने मध्य प्रदेश की जिन सैन्य छावनी परिषदों को खत्म करने का फैसला किया है, उनमें जबलपुर, मुरार (ग्वालियर), महू, पचमढ़ी, सागर की सैन्य छावनी खत्म होगी। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि छावनी के रखरखाव में बड़ा बजट खर्च होता है। छावनियों के नागरिक क्षेत्रों के विस्तार के लिए सेना की जमीन की जरूरत पड़ती है, इसलिए छावनी परिषद सैन्य क्षेत्र मिलिट्री स्टेशन में तब्दील हो जाएगा।

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ये सभी छावनी परिषद सैन्य क्षेत्र मिलिट्री स्टेशन में तब्दील हो जाएगी, जबकि सविल एरिया के लिए अलग से पालिका का गठन किया जाएगा। बता दें कि इनमें से कई छावनियां बहुत पुरानी है, जिनमें पचमढ़ी और महू की स्थापना 1818 में हुई थी। खास बात यह है कि इन छावनियों का एरिया भी बहुत बड़ा था। लेकिन रक्षा मंत्रालय अब इन्हें खत्म करेगा।

यह भी बड़ी वजह

खास बात यह है कि छावनी परिषद में रहने वाले नागरिकों को अभी भी सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ नहीं मिल पाता है। लेकिन सिविल एरिया में पालिका गठन होने से इन नागरिकों को सरकारी योजनाओं का भी सीधा लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। जबकि कैंटोनमेंट बोर्ड से मिलिट्री स्टेशन बनने के बाद सेना भी अपने एरिया पर पूरा फोकस करेगी।

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Arpit Pandey

First published on: May 02, 2023 02:15 PM

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