Madhya Pradesh Pharmaceutical Power House: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव तेजी से राज्य को विकास की ओर ले जा रहे हैं। मोहन यादव सरकार की यह कोशिश अब रंग भी ला रही है, क्योंकि भारत की औद्योगिक क्षेत्र में मध्य प्रदेश एक विशाल शक्ति के रूप में उभर रहा है। ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक, फार्मास्युटिकल और मेडिकल इक्यूप्मेंट के निर्माण क्षेत्रों में मध्य प्रदेश विकास के नए आयाम गढ़ रहा है। राज्य सरकार मध्य प्रदेश को फार्मास्युटिकल के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी और निवेश के लिए सभी सुविधाओं के साथ दुनियाभर में पहचाने दिलाने के तेजी से काम कर रही है। फिलहाल राज्य सरकार इसके लिए नई टेक्नोलॉजी को अपनाने और निवेश की सुविधा को बढ़ाने की रणनीतिक पर फोकस कर रही है।
270 से ज्यादा फार्मास्युटिकल यूनिट का नेटवर्क
फार्मास्युटिकल के ग्लोबल मार्केट में भारत का प्रभुत्व निर्विवाद करने के लिए मध्य प्रदेश खुद को मजबूत इकोसिस्टम के साथ खड़ा कर रहा है। फिलहाल राज्य में 270 से ज्यादा फार्मास्युटिकल यूनिट का एक नेटवर्क है। इसमें 39 API/ Bulk Drug मेन्यूफेक्चरिंग यूनिट भी शामिल हैं। इसके अलावा WHO-GMP मानकों का पालन करने वाले 50 से अधिक यूनिट्स भी इसी में शामिल हैं। राज्य के ये सभी यूनिट्स घरेलू बाजार के साथ-साथ दुनिया भर के 160 से अधिक देशों में अपने प्रोडक्ट को एक्सपोर्ट कर रहे हैं।
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मध्य प्रदेश कैसे बनेगा फार्मास्युटिकल का पावर हाउस
सरल नीति और निवेश के लिए राज्य व्यापार के लिहाज से एक आदर्श और सशक्त स्थान के रूप में उभरा है। फार्मास्युटिकल क्षेत्र में राज्य की फार्मास्युटिकल शक्ति और उसकी दूरदर्शी पहलों को बढ़ाने की जरूरत है, जैसे पूरे प्रदेश में आने वाले फार्मा पार्कों का विकास, अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे, अनुसंधान और विकास के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करना और पार्क में इनोवेशन के लिए इनक्यूबेटर के रूप में काम करना शामिल है। इसके अलावा राज्य को ग्लोबल स्तर पर फार्मास्युटिकल पावर हाउस के रूप में मजबूत करना शामिल है।