मध्य प्रदेश के इंदौर में 6 साल पहले एक शख्स ने अपने ही घर में आत्महत्या कर ली थी। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला था, लेकिन जांच के बाद कोई ठोस तथ्य सामने न आने की बात कहकर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था। हालांकि, परिवार के एक कदम से 6 साल बाद इस मामले की जांच फिर से शुरू हुई है।
भारत के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में कचरा फेंकने को लेकर शुरू हुआ विवाद कैसे जानलेवा हो गया? मामला साल 2019 का है, जब शंकर लाल नाम के एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। उनका सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ पाई। इसके बाद परिवार ने परिवाद दायर किया।
परिवाद के आधार पर दर्ज हुआ केस
अब इसी परिवाद के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है। दावा किया गया है कि राम अवतार धाम नामक व्यक्ति शंकर की मौत के लिए जिम्मेदार है। आरोप है कि वह मृतक शंकर लाल के घर के बाहर बार-बार कचरा फेंककर भाग जाता था, जिससे इल्जाम हमेशा शंकर लाल पर लगता था।
2019 में शख्स ने की थी आत्महत्या
लगातार झूठे आरोपों से शंकर लाल मानसिक रूप से परेशान हो गए थे, जिससे उन्होंने आत्महत्या कर ली। एडिशनल डीजीपी राम स्नेही मिश्रा ने बताया कि 31 जुलाई 2019 को बजरंग नगर में रहने वाले शंकर लाल ने अपने निवास पर आत्महत्या कर ली थी।
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उन्होंने आगे बताया कि मृतक शंकर लाल के परिजनों द्वारा एक परिवाद दायर किया गया था, जिसके आधार पर 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में राम अवतार धाम के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। अब पुलिस इस मामले की दोबारा जांच कर रही है और 6 साल पुराने साक्ष्यों को खंगाल रही है।