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MP में चुनाव से पहले वोटिंग करा रहे BJP के यह MLA, 50 प्रतिशत से कम मिला वोट तो फिर…

MP Assembly Election: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले एक दिलचस्प नजारा देखने को मिल रहा है। शायद भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जहां वर्तमान बीजेपी विधायक चुनाव लड़ें या नहीं यह फैसला उन्होंने जनता पर छोड़ दिया है। इतना ही नहीं उसके लिए विधायक वोटिंग भी करा रहे […]

Edited By : Arpit Pandey | Updated: Aug 22, 2023 10:41
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BJP Plan For 2024 Election
BJP Plan For 2024 Election

MP Assembly Election: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले एक दिलचस्प नजारा देखने को मिल रहा है। शायद भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जहां वर्तमान बीजेपी विधायक चुनाव लड़ें या नहीं यह फैसला उन्होंने जनता पर छोड़ दिया है। इतना ही नहीं उसके लिए विधायक वोटिंग भी करा रहे हैं। जिससे यह मामला चर्चा में बना हुआ है।

संजय पाठक करा रहे वोटिंग

दरअसल, कटनी जिले की विजयराघवगढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक संजय पाठक ने कुछ दिनों पहले जनसभा के दौरान बोला था कि मैं तब ही चुनाव लडूंगा जब क्षेत्र की 50 प्रतिशत से अधिक जनता कहेंगी। इसी के तहत विजयराघवगढ़ विधानसभा में तीनों नगर परिषद क्षेत्र सहित सभी 280 बूथों पर 21 से 25 अगस्त तक वोटिंग प्रक्रिया चलेगी। जिसमें इस बात के लिए वोटिंग की जाएगी कि संजय पाठक चुनाव लड़े या न लड़े। मतदान की प्रक्रिया पूरे पांच दिन चलेगी।

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25 अगस्त को होगी गिनती

वोटिंग के बाद 25 अगस्त को ही वोटों की गिनती शुरू होगी। वोटिंग प्रकिया के तहत मतपेटियों को शील लगाकर बंद किया जाएगा। वोटिंग करवाने की जवाबदारी विधानसभा के बाहर के जोन सेक्टर प्रभारियों और स्थानीय कार्यकर्ता की होगी। पांच दिनों तक वोटिंग कराने के बाद इस चुनाव का परिणाम तय करेगा कि विजयराघवगढ़ विधानसभा में विधायक संजय पाठक को चुनाव लड़ना है या नहीं।

50 प्रतिशत से कम मिला वोट तो नहीं लडूंगा चुनाव

विधायक संजय पाठक ने कहा वोटिंग के नतीजे तय करेंगे कि मैं चुनाव लडूंगा या नहीं। मैंने पिछले 20 सालों में जनता का सेवा कार्य किया है तो जनता ही तय करें की अगला चुनाव लड़ूं या नहीं अगर 50 प्रतिशत से एक भी वोट कम मिला हैं तो मैं चुनाव नहीं लडूंगा। इस मतदान में गांव-गांव में कार्यकर्ता मतदान प्रक्रिया पूरी कराएंगे। इस दौरान कार्यकर्ता सोशल मीडिया और फेसबुक पर लाइव वोटिंग करेंगे जिससे पूरी प्रक्रिया की पारदर्शिता दिखे।

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पार्टी आलाकमान तय करे

विधायक संजय पाठक ने बताया पद महत्वपूर्ण नहीं है। पार्टी आलाकमान जिसको चाहे टिकट दे। मुझे स्वीकार है। जनता तय करेगी मेरे भाग्य का फैसला क्या होना चाहिए। विधायक ने कहा कि अगर आपको लगे कि मैंने कोई काम नहीं किया तो आप मना कर सकते हैं।

जन आदेश के नाम से हो रही है वोटिंग

बता दें कि यह वोटिंग जनआदेश के नाम से हो रही है। जिसमें वोटिंग वाली पर्चियों पर लिखा है कि क्या आप संजय सत्येंद्र पाठक को प्रधान सेवक बनाना चाहते हैं? हां और ना का विकल्प पर्ची में दिया गया है। वोटर अपनी पसंद पर निशान लगा सकेंगे। इसके बाद वोटर के छिगल पर अमिट स्याही भी लगा दी जाएगी। वोटिंग के दौरान सिर्फ एक बार ही वोट दिया जा सकेगा। इस तरह की वोटिंग से यह पूरा मामला चर्चा में बना हुआ है।

संजय पाठक की गिनती प्रदेश के सबसे अमीर विधायकों में होती है। वह अब तक चार बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। संजय पाठक 2008 और 2003 में कांग्रेस से विधायक बने थे। लेकिन बाद में वह इस्तीफा देकर बीजेपी में आ गए थे। जिसके बाद उपचुनाव में बीजेपी से विधायक बने थे। जबकि 2018 के चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की थी। संजय पाठक शिवराज सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। जबकि उनके पिता पूर्व मंत्री सत्येंद्र पाठक भी कांग्रेस के दिग्गज नेता माने जाते थे।

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Edited By

Arpit Pandey

First published on: Aug 22, 2023 10:41 AM

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