Who is Mewa Singh: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में कुरुक्षेत्र की लाडवा सीट इस बार सबसे हाॅट सीट बन गई है। वजह है सीएम नायब सिंह सैनी का यहां से चुनाव लड़ना। इधर कांग्रेस ने लाडवा से मेवा सिंह को प्रत्याशी बनाया है। मेवा सिंह पिछली बार भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं। इनेलो ने पूर्व विधायक शेर सिंह को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में आइये जानते हैं कौन है मेवा सिंह जिनको कांग्रेस ने एक बार फिर बनाया प्रत्याशी?
मेवा सिंह ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1985-86 में सरपंच से की। इसके बाद वे जिला परिषद के सदस्य चुने गए। इसके बाद इनेलो की ओर से कुरुक्षेत्र जिला परिषद के अध्यक्ष भी बने। वहीं लाडवा सीट कुरुक्षेत्र के थानेसर निर्वाचन क्षेत्र से अलग होकर बनाई गई। उन्होंने पहला चुनाव 2009 में जीता था। 2009 में ही लाडवा सीट पर पहली बार मतदान हुआ था। मेवा सिंह 2009 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर मैदान में उतरे थे। उन्होंने इनेलो के शेर सिंह को को 22500 से अधिक वोटों से हराया था। इसके बाद वे 2011 में कांग्रेस में शामिल हो गए।
2009 के चुनाव में दर्ज की थी जीत
पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला और अजय चौटाला के साथ दोषी ठहराए जाने के बाद मेवा सिंह ने पत्नी बचन कौर को 2014 में इस सीट से चुनाव लड़वाया लेकिन वे चुनाव हार गईं। बीजेपी के पवन सैनी ने बचन कौर को 3 हजार वोटों के अंतर से हराया था। 2019 के चुनाव में मेवा सिंह ने बहू को मैदान में उतारा लेकिन उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा। वहीं इनेलो के पूर्व विधायक शेर सिंह लाडवा के बड़े चेहरों में से एक हैं।
जातीय समीकरण बीजेपी के पक्ष में
लाडवा सीट पर भाजपा और कांग्रेस में सीधा मुकाबला है लेकिन इनेलो ने इस सीट पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। इस सीट पर जातीय समीकरण भी बड़ी भूमिका निभाएंगे। यहां करीब 30 हजार वोटर जाट और 36000 वोटर्स सैनी समुदाय के हैं। इसके अलावा 20 हजार कश्यप, करीब 15 हजार वाल्मीकि, 20 हजार हरिजन और 9200 जट्ट सिख वोटर्स भी किसी के पक्ष में मतदान कर सकते हैं। बीजेपी को लगता है कि सीएम नायब सैनी के लाडवा से लड़ने से इस क्षेत्र के सैनी वोट बीजेपी को मिल सकते हैं। इसके अलावा जाट वोटर्स का साथ भी सीएम सैनी को मिल सकता है।
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