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भूपेंद्र हुड्डा, कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला; किस नेता को कितनी तवज्जो? क्या कहती है कांग्रेस की पहली लिस्ट?

Haryana Assembly Elections 2024: भाजपा के बाद कांग्रेस ने भी 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए 32 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। कांग्रेस की लिस्ट में जातीय समीकरणों का ध्यान रखा गया है। कांग्रेस आश्वस्त है कि 8 अक्टूबर को उसके पक्ष में नतीजे आएंगे। टिकट वितरण में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पसंदीदा उम्मीदवार उतारे गए हैं।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Sep 7, 2024 15:59
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Haryana Assembly Elections 2024

Haryana Assembly Elections: कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए पहली लिस्ट में 32 प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। पहली सूची में प्रदेश में गुटों में बंटी कांग्रेस के नेताओं को साधने का प्रयास किया गया है। पार्टी ने किसी भी नेता को नाराज नहीं किया है। कांग्रेस के मौजूदा समय में प्रदेश में 28 विधायक हैं। अधिकतर विधायक हुड्डा गुट के हैं। वहीं, कुमारी शैलजा और सुरजेवाला गुट के भी कुछ विधायक हैं। भाजपा ने अपने 67 विधायकों की पहली सूची जारी की थी। जिसके बाद बगावत शुरू हो गई थी। कांग्रेस ने इसको देखते हुए छोटी लिस्ट जारी की है। विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपने कई समर्थकों को टिकट दिलाने में कामयाब रहे हैं।

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21 अगस्त को कांग्रेस में शामिल होने वाले JJP विधायक रामकरण काला और 7 मई को BJP से समर्थन वापस लेने वाले निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर को भी हुड्डा टिकट दिलाने में कामयाब रहे हैं। दोनों नेता हुड्डा की अगुआई में कांग्रेस में आए थे। वहीं, कुछ घंटे पहले बीजेपी में आने वालीं विनेश फोगाट को भी टिकट मिला है। माना जा रहा है कि हुड्डा ने ही उनकी पैरवी की थी।

दागियों के लिए हुड्डा ने की जोरदार पैरवी

बताया जा रहा है कि हरियाणा के प्रभारी दीपक बाबरिया चार दागी विधायकों के टिकट काटने के पक्ष में थे। एक विधायक सुरेंद्र पंवार हैं, जो फिलहाल जेल में हैं। वहीं, मामन खान, राव दान सिंह और धर्म सिंह छौक्कर को टिकट मिलना मुश्किल था। लेकिन हुड्डा ने इनकी जोरदार पैरवी की। जिसके बाद हाईकमान ने इनके नामों को मंजूरी दे दी। हुड्डा भी मनी लॉन्ड्रिंग जैसे मामलों का सामना कर रहे हैं। जिसके बाद माना जा रहा है कि पार्टी ने जनता को मैसेज दिया है कि इन लोगों को गलत फंसाया है।

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फिलहाल रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा की अगुआई में शामिल किसी नेता को टिकट नहीं दिया गया है। यहां तक की शैलजा की सिरसा में खुलकर मदद करने वाले देवेंद्र बबली को पार्टी ने शामिल ही नहीं किया। वे टोहाना से टिकट मांग रहे थे। जिनकी मांग बीजेपी में जाकर पूरी हुई। बाबरिया ने हवाला दिया था कि पार्टी एक साल के अंदर शामिल हुए किसी नेता को टिकट नहीं देगी। लेकिन रामकरण काला, धर्मपाल गोंदर और विनेश फोगाट के मामले में नियम बदला गया। शैलजा के 4 विधायकों असंध से शमशेर गोगी, साढौरा से रेणु बाला, नारायणगढ़ से शैली गुर्जर और कालका से प्रदीप चौधरी को टिकट दिया गया है। रणदीप के कुछ करीबियों पर भी पार्टी ने भरोसा जताया है।

58 सीटों पर बाद में होगा फैसला

कांग्रेस ने अभी 58 सीटों को होल्ड रखा है। विवाद से बचने के लिए अभी प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया गया है। जजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह, रतिया के विधायक और बीजेपी छोड़ चुके लक्ष्मण नापा को अभी इंतजार करना होगा। पंचकूला सीट भी होल्ड है। यहां से पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन टिकट मांग रहे हैं। पवन बंसल के बेटे भी दौड़ में हैं। पहली लिस्ट की बात करें तो जातीय समीकरणों का भी ध्यान रखा गया है। पार्टी ने 9 जाट, 9 दलित, 7 ओबीसी, पंजाबी, जट सिख 1-1 और ब्राह्मण समाज से 2 टिकट दिए हैं। वहीं, 3 मुस्लिमों को भी उतारा गया है।

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Written By

Parmod chaudhary

First published on: Sep 07, 2024 03:15 PM

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