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हरियाणा की 3 हॉट सीटें, दिग्गजों के लिए क्या रहेंगी चुनौतियां? कैसे हैं चुनावी समीकरण?

Haryana Assembly Election 2024: हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए थोड़ा ही समय बचा है। 5 अक्टूबर को वोटिंग के बाद 8 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान किया जाएगा। हरियाणा की कई सीटों पर मुकाबला रोचक होने के आसार हैं। इस बार मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच माना जा रहा है।

Edited By : Parmod chaudhary | Updated: Sep 4, 2024 15:53
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Haryana Assembly Election 2024

Haryana Assembly Election: हरियाणा विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है। 5 अक्टूबर को वोटिंग के बाद 8 अक्टूबर को नतीजों का ऐलान कर दिया जाएगा। हरियाणा के 3 बड़े नेताओं की सीटों पर चुनावी समीकरण कैसे हैं? इस बारे में जानते हैं। इस चुनाव में सबसे हॉट सीट करनाल मानी जा रही है। जहां से भाजपा के टिकट पर नायब सिंह सैनी फिर से मैदान में उतरेंगे। सैनी मनोहर लाल के हटने के बाद इसी साल 12 मार्च को सीएम बने थे। वे ओबीसी समुदाय से आते हैं। 2019 में सैनी ने कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीता था। 2023 में सैनी को भाजपा ने प्रदेशाध्यक्ष बनाया था।

करनाल में आसान रहेगी बीजेपी की राह!

इसी साल 25 मई को सैनी करनाल से विधानसभा उपचुनाव जीते हैं। कांग्रेस ने तरलोचन सिंह को मैदान में उतारा था। करनाल सीट पर आधी आबादी जनरल कैटेगरी की है। जबकि 21 फीसदी वोट सैनी समाज के हैं। BC (B) के 5 और BC (A) के वोट लगभग 22 फीसदी हैं। सैनी समाज के 3 फीसदी वोट होने के बाद भी यहां से पहली बार सैनी जीते हैं। वहीं, अब तक यहां से पंजाबी बिरादरी के विधायक बनते रहे हैं। अब तक यहां 13 इलेक्शन हो चुके हैं। जिसमें कांग्रेस 4 और भाजपा 5 बार जीती है। दो बार आजाद और 1-1 बार जनता पार्टी और जनसंघ को जीत मिली है। 2019 में मनोहर लाल ने 45188 वोटों से तरलोचन सिंह को हराया था।

ऐलनाबाद में किसके हाथ लगेगी बाजी?

दूसरे नंबर पर आती है ऐलनाबाद विधानसभा सीट। माना जा रहा है कि एक बार फिर इनेलो से अभय सिंह चौटाला यहां से मैदान में उतरेंगे। अभी इनेलो 7 सीटों पर कैंडिडेट्स का ऐलान कर चुकी है। अभय पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल के पोते हैं। जो इस सीट से इनेलो के एकमात्र विधायक हैं। कभी इनेलो की हरियाणा में तूती बोलती थी। यहां पर 54 फीसदी वोट जनरल कैटेगरी के हैं। जिसमें अकेले जाटों के वोट 37 फीसदी हैं। पिछड़ा वर्ग के 24 और अनुसूचित वर्ग के 22 प्रतिशत वोट हैं। पुराने समीकरणों के हिसाब से इस सीट से अधिकतर इनेलो जीती है। 2019 तक 13 चुनाव में इनेलो के 5 विधायक बने हैं।

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2021 में किसान आंदोलन के बाद हुए उपचुनाव में भी इनेलो जीती। कांग्रेस यहां से 3 बार जीती है। दो बार लोकदल, 1-1 बार विशाल हरियाणा पार्टी, जनता पार्टी, सोशलिस्ट एक्शन पार्टी ने जीत हासिल की है। यहां मुख्य मुकाबला अभय चौटाला और भाजपा के पवन बेनीवाल के बीच देखने को मिला था। 2019 के चुनाव में अभय 11922 वोटों से जीते थे। जनवरी 2021 में अभय को गोबिंद कांडा से चुनौती मिली थी। वहीं, कांग्रेस से लड़े पवन बेनीवाल की जमानत तक नहीं बची थी।

बांगर बेल्ट में दिलचस्प होगा मुकाबला

तीसरे नंबर पर है दुष्यंत चौटाला की उचाना विधानसभा सीट। बांगर बेल्ट की इस सीट को इस बार हॉट माना जा रहा है। उचाना जींद जिले की जाट बहुल सीट है, जिससे दुष्यंत चौटाला जेजेपी के टिकट पर लड़ सकते हैं। 1977 से 2019 तक यहां 10 बार इलेक्शन हो चुके हैं। 1985 के उपचुनाव में भी यहां से कांग्रेस जीती थी। दो बार इनेलो, 1-1 बार ऑल इंडिया इंदिरा कांग्रेस (तिवारी), जेजेपी, बीजेपी और लोकदल को जीत मिली है। जेजेपी ने 2019 में यहां से जीत हासिल की थी। जिसके बाद दुष्यंत चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम बने थे।

उन्होंने भाजपा प्रत्याशी प्रेमलता को 47452 वोटों से हराया था। यहां से हरियाणा के कद्दावर नेता बीरेंद्र सिंह कई बार जीत हासिल कर मंत्री बन चुके हैं। 2005 में वे हरियाणा की हुड्डा सरकार में वित्त मंत्री बने थे। उनके बेटे बृजेंद्र सिंह IAS की नौकरी छोड़कर 2019 में हिसार से सांसद बने थे। बीरेंद्र परिवार अब बीजेपी को छोड़ कांग्रेस में आ चुका है। माना जा रहा है कि कांग्रेस से इस बार इसी परिवार का सदस्य मैदान में उतरेगा।

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Written By

Parmod chaudhary

First published on: Sep 04, 2024 03:53 PM

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