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गुजरात

अब गुजरात में भी UCC की तैयारी, शादी और तलाक के लिए जरूरी ये काम, जल्द तैयार होगा ड्राफ्ट

UCC Bill In Gujarat: गुजरात में समान नागरिकता संहिता बिल (UCC Bill) का ड्राफ्ट जल्द ही तैयार होने वाला है। इस मुद्दे पर गठित समिति की पहली बैठक गांधीनगर में हुई। समिति की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना ने कहा कि विवाह प्रथा में कोई बदलाव नहीं होगा, लेकिन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य रहेगा।

Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Mar 6, 2025 16:01
UCC Bill In Gujarat
UCC Bill In Gujarat

UCC Bill In Gujarat: गुजरात के लिए समान नागरिकता संहिता (Uniform Citizenship Code Bill) का मसौदा तैयार करने के लिए गठित समिति की पहली बैठक में ड्राफ्ट तैयार करने से पहले जनता से सुझाव और आपत्तियां मांगी जाएंगी। इसमें पहली प्राथमिकता यह होगी कि महिलाओं और बच्चों को समान अधिकार मिलें। जनता से सलाह जरूरी है। इसलिए एक टीम राज्य के हर जिले में जाकर लोगों से मिलेगी। समिति की अध्यक्ष न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई का कहना है कि यह कानून किसी भी धर्म की शादियों और परंपराओं में हस्तक्षेप नहीं करेगा, लेकिन शादियों और तलाक का रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा।

जल्द ही ड्राफ्ट होगा तैयार

गांधीनगर के कर्मयोगी भवन में हुई बैठक के बाद जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने कहा कि 45 दिन में समान नागरिकता संहिता तैयार करना मुश्किल है। हम सरकार से अनुरोध करेंगे कि हमें 45 दिन का समय दिया जाए। उन्होंने कहा कि यहां बैठकर ड्राफ्ट तैयार किया जा सकता है, लेकिन यह उचित नहीं होगा। जनता से सलाह के बाद एक अच्छा ड्राफ्ट तैयार करने के लिए अधिक समय की जरूरत है।

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अच्छी देखभाल का प्रावधान

समिति की प्राथमिकता महिलाओं और बच्चों को समान अधिकार प्रदान करना तथा उनकी अच्छी देखभाल की व्यवस्था करना होगी। उनका कहना है कि किसी भी धर्म या समाज की विवाह परंपराओं में कोई बदलाव नहीं होगा। विवाह और तलाक का सरकार के पास रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। इसके लिए व्यवस्था जल्द की जाएगी। यह कानून आदिवासी समुदायों की परंपराओं और प्रथाओं में कोई बदलाव नहीं करेगा। न्यायमूर्ति रंजना देसाई ने कहा कि हम नए विचारों को आमंत्रित करते हैं और उन पर विचार करने के लिए तैयार हैं। यह कानून संविधान के सिद्धांतों और सुप्रीम कोर्ट के अलग-अलग आदेशों के अनुरूप होगा तथा इसमें लिव-इन रिलेशनशिप और उत्तराधिकार से संबंधित कानूनों के प्रावधान शामिल होंगे।

जल्द एक वेबसाइट बनेगी

समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने से पहले सार्वजनिक परामर्श जरूरी है। इसके लिए एक वेबसाइट बनाई जाएगी। नागरिक 24 मार्च से अपने सुझाव और आपत्तियां दर्ज करा सकेंगे। यूसीसी की एक टीम राज्य के हर जिले का दौरा करेगी और वहां के लोगों से चर्चा करेगी। टीम आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, धार्मिक नेताओं और एनजीओ कार्यकर्ताओं सहित अलग-अलग समुदायों के नेताओं से भी मुलाकात करेगी और इस पर उनके विचार जानेगी।

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Edited By

Deepti Sharma

First published on: Mar 06, 2025 04:01 PM

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