---विज्ञापन---

कौन हैं विजय जोशी, जो पहनते हैं सवा किलो Gold का जनेऊ; कमर पर रखते हैं Pistol

Know who is Vijay Joshi who wear strange Janeu of more than one KG: हाल ही में ऐसा ही एक शख्स खासा चर्चा में है-नाम है पंडित विजय जोशी। सवा किलो सोने का जनेऊ (यज्ञोपवित) पहनने वाला यह शख्स डंके की चोट पर कहता है, 'कौन कहता है कि ब्राह्मण गरीब होते हैं'।

Edited By : Balraj Singh | Updated: Oct 7, 2023 19:11
Share :

वर्ण व्यवस्था गुजरे जमाने की बात हो गई, आजकल किस दिशा से आपको कौन धन-कुबेर टकरा जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता। हाल ही में ऐसा ही एक शख्स खासा चर्चा में है-नाम है पंडित विजय जोशी। सवा किलो सोने का जनेऊ (यज्ञोपवित) पहनने वाला यह शख्स डंके की चोट पर कहता है, ‘कौन कहता है कि ब्राह्मण गरीब होते हैं’। इतना ही नहीं, इनका एक रूप और भी है, जो चिरंजीव भगवान परशुराम से कुछ-कुछ मिलता-जुलता है। हालांकि थोड़ा भिन्न भी है। दरअसल, क्षत्रिय ब्राह्मण भगवान परशुराम का स्वरूप जब भी हमारे सामने आता है, उनके कंधे पर धनुष-बाण और एक हाथ में भगवान शिव का दिया हुआ परशु नजर आता है, दूसरी ओर पंडित विजय जोशी की के स्वरूप में थोड़ी सी भिन्नता यह है कि वह अपनी कमर पर आधुनिक हथियार पिस्टल रखते हैं। सवाल यह है कि आखिर यह अनोखी शख्सियत है कौन? जानें…  

गुजरात के वडोदरा मूल के विजय जोशी मौजूदा वक्त में नर्मदा के किनारे मालसर गांव में स्थित गजानन आश्रम में रहते हैं। मालसर गांव के गुरु जी विजय जोशी के राजकोट स्थित आवासीय सदन को विघ्नराज के नाम से जाना जाता है। विघ्नविनाशक गणपति जी महाराज के उपासक विजय भाई जोशी के भारत के अलावा अफ्रीकी देशों में भी बहुत से अनुयायी हैं। विजय भाई जोशी अपने तन पर सवा किलो (1.25 KG) सोने का जनेऊ धारण करते हैं। इतना ही नहीं, कमर पर रिवॉल्वर दर्शती है कि कलिकाल में राष्ट्र के लिए हथियार उठाकर एक ब्राह्मण भी दुष्टों का संहार कर सकता है।

---विज्ञापन---

इस बारे में उनका कहना है कि परशुराम ने एक श्लोक में शास्त्र और शास्त्र के बारे में बहुत अच्छी बात कही है, ‘अग्रत: चतुरो वेद: प्रशस्त: सासाराम धनु:, इदं ब्रह्मं इदं क्षत्रं शपादपि शारदपि’। अगर इसके सरलार्थ पर जाएं तो साफ है कि सज्जनों को समझाने के लिए अकेले शास्त्र ही काफी हैं, लेकिन दुष्टों को समझाने के लिए परशुराम अपने हाथ में परशु, अपनी पीठ पर ढाल और कांधे पर धनुष-बाण लेकर चलते हैं।

---विज्ञापन---

विजय जोशी के कहने पर चलें तो एक बात सदियों से चली आ रही है कि ब्राह्मण गरीब होता है, इसी मिथक को तोड़ने के लिए उन्होंने स्वर्णयज्ञोपवित (सोने का जनेऊ) धारण किया था। विजय जोशी ने इस अनूठे जनेऊ का निर्माण साल 2018 में करवाया था। उन्हाेंने बताया कि त्रेता युग में लंकापति रावण भी सोने की जनेऊ पहनता था। बकौल जोशी, कोई भी ब्राह्मण गरीब या जरूरतमंद कैसे हो सकता है। एक ब्राह्मण के पास भले ही कम धन हो, लेकिन उसके पास दूसरों की तुलना में अधिक ज्ञान और शक्ति होती है। इसी के चलते लोग अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए अपनी सामर्थ्य के हिसाब से ब्राह्मण को दान देते हैं और ब्राह्मण उन्हें धन-यश की प्राप्ति का आशीर्वाद देते हैं।

उधर, विजय जोशी के बारे में एक बात और भी उल्लेखनीय है कि राज्य के बहुत से बड़े अफसर भी विजय जोशी पर भरोसा करते हैं। विजयभाई जोशी दीपावली से दो दिन पहले भगवान धन्वंतरि की जयंती यानि धनतेरस पर लक्ष्मी योग भी कराते हैं, जिस दौरान वह सोने और चांदी के वर्क से कवर किए गए कमल के फूलों की आहूति देते हैं।

HISTORY

Edited By

Balraj Singh

First published on: Oct 07, 2023 07:11 PM
संबंधित खबरें