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गुजरात के उमिया माता मंदिर में पहुंचे सीएम भूपेंद्र पटेल, ध्वजा महोत्सव का किया शुभारंभ

Dharma Dhaja Mahotsav In Gujarat: उमिया माता मंदिर देवी उमिया का मंदिर है, जिन्हें कदव पाटीदारों के कुल-देवी या कुलदेवी के रूप में पूजा जाता है। ध्वजा महोत्सव का उद्घाटन सुबह मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने किया।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Sep 11, 2024 13:29
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Dharma Dhaja Mahotsav
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Dharma Dhaja Mahotsav In Gujarat: उंझा में मां उमिया का धजा महोत्सव आज से शुरू हो रहा है। महोत्सव का उद्घाटन आज सुबह मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने किया, जिसमें 1868 बहनें उमा बाग से विशाल पदयात्रा कर माताजी के मंदिर पहुंचीं। उंझा में उमिया माताजी के दिव्य अलौकिक मंदिर पर भाद्रवा सुद नाम से भव्य धजा उत्सव शुरू होता है। बुधवार सुबह मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ध्वजा महोत्सव का शुभारंभ किया है। उमिया बाग में उथमानी दानदाताओं का सम्मान समारोह आयोजित होने के बाद 1868 बहनों का एक विशाल आभूषण जुलूस उमा बाग से निकला और माताजी के मंदिर तक पहुंचा।

मां कुलदेवी उमिया माताजी के मंदिर पर मुख्य सिख ध्वज विजय ध्वज, शिखर की चारों दिशाओं के चार ध्वज और रंगमंडप के चार ध्वज फहराकर ध्वज उत्सव की शुरुआत की गई है। महोत्सव के दौरान सात दिनों तक लाखों श्रद्धालु मां कुलदेवी के अखंड रूप उमिया माताजी के चरणों में नतमस्तक होंगे और धन्य महसूस करेंगे। आपको बता दें, मंदिर की स्थापना साल 1868 में हुई थी, इसलिए 1868 धजों के अलावा 11,111 धजें फहराई जाएंगी। उमिया माताजी संस्थान ने मंदिर की ओर से भक्तों के लिए नाश्ता, पानी, चाय और भजन प्रसाद की व्यवस्था की है। धजा महोत्सव के लिए संगठन की रणनीति मानद मंत्री, न्यासी मंडल और संगठन की अलग-अलग समितियों द्वारा तैयार की जा रही है।

महोत्सव में 250 संघ और मंडल भाग लेंगे

उमिया माता मंदिर के प्रांगण में ढोल नगाड़े और भुंगल की ध्वनि से हमारा स्वागत किया गया। धजा मोहोत्सव में भाग लेने के लिए 250 से ज्यादा संघ और मंडल शामिल होंगे। लगभग 20 लाख श्रद्धालु मां उमिया माताजी के दर्शन करेंगे। पैदल आने वाले श्रद्धालुओं की सेवा के लिए उंझा के चारों ओर सेवा शिविर शुरू किए गए हैं। अलग-अलग 40 समितियां संगठन की गतिविधियों का मैनेज करती हैं।

क्रमानुसार धजा अर्पित होगी

भाद्रवी नोम के दिन सुबह धजा महोत्सव शुरू हो गया है। धजा पर्व 7 दिनों तक मनाया जाएगा। सात दिन सुबह मंदिर में मंगला आरती के बाद धजाओं को व्यवस्थित और अनुशासित तरीके से शिखर पर चढ़ाया जाएगा। शाम को मंदिर में आरती के बाद धजा कार्यक्रम कैंसल कर दिया जाएगा। धजा के साथ आने वाले श्रद्धालुओं का भव्य स्वागत किया जाएगा।

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Written By

Deepti Sharma

First published on: Sep 11, 2024 01:19 PM

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