Ahmedabad Municipality Big Initiative For Dogs: गुजरात के अहमदाबाद में नगर पालिका प्रणाली द्वारा एक बहुत अच्छा काम किया जा रहा है। दरअसल, अहमदाबाद नगर पालिका प्रणाली अलग- अलग एरिया से पकड़े गए पालतू जानवरों और आवारा कुत्तों की पहचान स्थापित करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान डेटा टैग और चिप्स स्थापित करने वाली है। आवारा पशुओं के बाद अब शहर में पाले गए पालतू कुत्तों का भी रजिस्ट्रेशन कर उनके मालिकों से पहचान कराई जाएगी।
कुत्तों का होगा रजिस्ट्रेशन
जानकारी के मुताबिक अहमदाबाद में कुत्तों की आबादी दो लाख है। शहर में पालतू जानवरों और आवारा कुत्तों को हटाने के बाद उनकी पहचान के लिए RFID चिप और विजुअल ईयर टैग लगाने की अनुमति मांगने वाला एक प्रस्ताव पुलिस आयुक्त की अधिसूचना को लागू करने के लिए स्थायी समिति के सामने रखा गया। मुनि के CNCD विभाग के चीफ नरेश राजपूत ने कहा कि विभाग की पशु क्रूरता निवारण नीति और एबीसी डॉग रूल्स-2023 के अनुसार, पालतू कुत्तों के साथ-साथ आवारा कुत्तों को भी RFID चिप्स लगाए जाने हैं। रजिस्ट्रेशन के बाद इनकी पहचान आसान हो जाएगी।
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1.80 करोड़ रुपये का ठेका
इन जानवरों को RFID टैग और विजुअल ईयर टैग लगाए जाएंगे। इसके लिए नगर पालिका प्रणाली मेबीज ऑर्बिट टेक्नोलॉजी की संस्था को 1.80 करोड़ रुपये में दो साल ठेका देने वाली है। हर एक कुत्ते के माइक्रोचिपिंग के लिए 285 रुपये की कीमत दी गई थी। नगर निगम की तरफ से आवारा कुत्तों को जब्त कर लिया गया है। अब एजेंसी ने आवारा और पालतू कुत्तों की पहचान के लिए RFID माइक्रोचिप लगाने के लिए 285 रुपये प्रति कुत्ता और विजुअल ईयर टैग लगाने के लिए 30 रुपये प्रति कुत्ता कीमत तय की है।