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विश्व बेघर दिवस पर दिल्ली के प्रथम स्लम फेस्टिवल कार्यक्रम का हुआ आयोजन

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड की ओर से ‘विश्व बेघर दिवस’ पर दिल्ली के प्रथम स्लम फेस्टिवल “हुनर की पुकार, दिल्ली आश्रय से बेघरों के जिंदगी में सुधार” कार्यक्रम की शुरुआत हुई। समारोह का आयोजन डूसिब सराय काले खां स्थित शेल्टर होम कॉम्प्लेक्स पर हुआ। बेघरों के मुद्दों को मुख्यधारा […]

Edited By : Gyanendra Sharma | Updated: Oct 11, 2022 11:45
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नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड की ओर से ‘विश्व बेघर दिवस’ पर दिल्ली के प्रथम स्लम फेस्टिवल “हुनर की पुकार, दिल्ली आश्रय से बेघरों के जिंदगी में सुधार” कार्यक्रम की शुरुआत हुई। समारोह का आयोजन डूसिब सराय काले खां स्थित शेल्टर होम कॉम्प्लेक्स पर हुआ। बेघरों के मुद्दों को मुख्यधारा में लाने और आश्रयों में सोने वाले बेघर निवासियों की चुनौतियों/जरूरतों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन दिल्ली में बेघरों की सफलता की कहानियों को उजागर करना है, जो बेघर होने के बावजूद जीवन की चुनौतियों पर काबू पाते हुए सफलता के शिखर पर पहुंचे हैं।‌ अलग अलग समुदायों से युवाओं, एनजीओ/सीएसओ और 500 से अन्य लोगों की सहभागिता से समारोह एक बड़ी सफ़लता बना।

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मनीष सिसोदिया रहे मुख्य अतिथि 

उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली के पहले स्लम फ़ेस्टिवल पर अपनी उपस्तिथि और अपने संबोधन से शोभा बढ़ाई। उन्होंने बेघर अचीवर्स को सम्मानित किया और समाज में उनके योगदान को मान्यता दी। उन्होंने बेघरों की उपलब्धियों पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा, “अगर कोई नहीं बताता कि ये बच्चे नाइट शेल्टर से आते हैं, तो कोई अंदाज़ा नहीं लगा सकता था। मैं डीयूएसआईबी को बधाई देता हूँ, इतनी शानदार पहल के लिए। दिल्ली सरकार ने पहली बार दिल्ली स्लम फ़ेस्टिवल का आयोजन किया है। इसको साल दर साल जारी रखेंगे, डूसिब इसका प्लान बनाए, इस तरह टैलेंट सामने लाने का बड़ा प्लान बनाएँ। दिल्ली में 40% लोग झुग्गी झोंपड़ी में रहते हैं। मुझे गर्व है दिल्ली सरकार पर, जिसने फ़्री दवाई और इलाज वाले मोहल्ला क्लिनिक मॉडल से लेकर, स्कूलों में सक्रिय शिक्षा मॉडल तक दिल्ली की झुग्गियों में रहने वाले लोगों के जीवन को रौशन किया है।”

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डूसिब के सीईओ के महेश ने शेल्टर होम वाले दिल्ली मॉडल पर चर्चा की और बताया कि अगर दुनिया के सभी शहर देखे जाएं तो दिल्ली में सबसे ज़्यादा बेघर आश्रय हैं। दिल्ली इस तरह कई देशों और प्रदेशों के लिए मिसाल है और बेघरों के लिए विकास नीतियों पर पूरी दुनिया की नज़रें दिल्ली की ओर हैं। उन्होंने कहा कि हालाँकि दिल्ली में बेघरों के लिए अच्छी सुविधाएँ हैं फिर भी बेघरों की ज़रूरतों को मद्दे नज़र रखते हुए और भी कदम उठाए जा रहे हैं जिनसे उनकी ज़िंदगी को और बेहतर किया जा सके। विश्व बेघर दिवस’ पर दिल्ली में ये समारोह उसी दिशा में एक कदम है।

‘विश्व बेघर दिवस’ की शुरूआत 10.10.2010 को हुई

हर साल इस दिन ये मौक़ा मिलता है कि लोगों को बेघरों के मुद्दों से अवगत कराया जाए बेघरों के नीति निर्माताओं के लिए विकल्प दें और उपाय ढूँढे जाएँ जिनसे सरकारें, समाज और गैर सरकारी संस्थाएँ मिलकर बेघरों की स्तिथि में सुधार ला सकें; साथ ही साथ स्वयंसेवियों द्वारा किए जा रहे अच्छे कामों के लिए कृतज्ञता अर्पण की जा सके। इस सब के बावजूद, बेघरों के लिए निरंतर और अथक प्रयासों की ज़रूरत है।

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Written By

Gyanendra Sharma

Edited By

Manish Shukla

First published on: Oct 10, 2022 08:36 PM

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