Money Laundering Case: दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इससे पहले उन्होंने अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी। जैन फिलहाल जून 2022 से तिहाड़ जेल में बंद हैं।
24 अगस्त 2017 को सीबीआई ने सत्येंद्र जैन, पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की कई धाराओं के तहत FIR दर्ज की थी। इस प्राथमिकी के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने सत्येंद्र के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।
सीबीआई ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की
सीबीआई ने 3 दिसंबर 2018 को सत्येंद्र जैन, पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी।
चार्जशीट में कहा गया है कि सत्येंद्र जैन ने 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 की अवधि के दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री के पद पर रहते हुए, अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की थी। चार्जशीट में सीबीआई ने सत्येंद्र कुमार जैन और अन्य पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत अपराध करने का आरोप लगाया।
सत्येंद्र जैन से जुड़े मामले में तिहाड़ जेल अधीक्षक को नोटिस
इससे पहले दिन में दिल्ली की तिहाड़ जेल के अधीक्षक को दो कैदियों को पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के सेल में शिफ्ट करने के लिए नोटिस जारी किया गया। सत्येंद्र जैन ने अधीक्षक से अकेलेपन की शिकायत करते हुए कैदियों को अपने सेल में शिफ्ट करने का अनुरोध किया था।
सत्येंद्र जैन ने 11 मई को एक पत्र के जरिए अधीक्षक से अधिक कैदियों के साथ रहने का अनुरोध किया था और अपने पत्र में अकेलेपन के कारण डिप्रेशन और अधिक सामाजिक संपर्क की आवश्यकता का हवाला दिया था। सत्येंद्र जैन ने अपनी चिट्ठी में ये भी दावा किया था कि ऐसा करने के लिए उन्हें एक डॉक्टर ने सलाह दी है।
चिट्ठी में सत्येंद्र जैन ने लिखा था कि अकेलेपन के कारण मैं उदास महसूस कर रहा हूँ। एक मनोचिकित्सक ने मुझे और अधिक सामाजिक संपर्क का सुझाव दिया और उन्होंने कम से कम दो और लोगों के साथ रहने का अनुरोध किया है।