Delhi Liquor Policy Scam CM Arvind Kejriwal: दिल्ली की केजरीवाल सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी मर्लेना ने बुधवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि 4 नवंबर को सीएम अरविंद केजरीवाल को ED गिरफ्तार कर सकती हैं। आतिशी ने कहा कि दिल्ली शराब नीति मामले में कल उनके आवास पर ईडी की रेड पड़ेगी। हालांकि अभी तक ऐसा कुछ हुआ नहीं है। लेकिन आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं के विरोध प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए सीएम आवास के आसपास के इलाके को छावनी में बदल दिया गया है। सभी जगह पर दिल्ली पुलिस ने तैनाती बढ़ा दी है। यह तो था आज का घटनाक्रम। अब हम आपको बताते हैं ईडी आखिर सीएम अरविंद केजरीवाल तक कैसे पहुंची?
#WATCH | Delhi: AAP's chief National Spokesperson Priyanka Kakkar says, "We are hearing it continuously that Arvind Kejriwal will be arrested. BJP leaders are saying such things. Three of our leaders are in jail for a long time without any evidence against them and for the sheer… pic.twitter.com/Bq6SCm81SN
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) January 4, 2024
दिल्ली शराब नीति मामले में अब तक आम आदमी पार्टी के 2 बड़े नेता जेल में हैं। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम और आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह। ईडी सीएम केजरीवाल को 3 समन भेज चुकी है। पिछले 2 समन में वे पत्र लिखकर ईडी के सामने पेश नहीं हुए। अप्रैल 2023 में ईडी ने पहली बार इस मामले में सीएम से पूछताछ की थी।
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17 नवंबर 2021 को लागू की नई शराब नीति
दिल्ली में केजरीवाल सरकार 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति लेकर आई। इसके पीछे तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने तर्क दिया कि नई नीति से दिल्ली शराब माफियाओं के चंगुल से मुक्त हो जाएगी। वहीं सरकारी खजाना भी बढ़ेगा। जब सरकार ने यह नीति लागू की उस समय दिल्ली में 60 प्रतिशत सरकारी दुकानें और 40 प्रतिशत प्राइवेट दुकानें थीं।
#WATCH | On Delhi CM Arvind Kejriwal, Delhi BJP President Virendraa Sachdeva says, "You (Kejriwal) are running away from the investigation agency. Since you claim to be an honest man, you should go with evidence to ED." pic.twitter.com/Ls1zkCN3kH
— ANI (@ANI) January 4, 2024
इसके बाद केजरीवाल सरकार ने आनन-फानन में इसे मंत्रिमंडल के समक्ष रखा और पारित करा लिया। 17 नवंबर 2021 को दिल्ली में नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। ऐसे में सरकार शराब के कारोबार से पूरी तरह अलग हो गई और पूरा कारोबार शराब कारोबारियों के हाथों में चला गया। इसके लिए पूरी दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया। हर जोन में 27 दुकानें शराब की थीं।
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8 जुलाई 2022 को चीफ सेक्रेटरी ने उठाए सवाल
अब आई केजरीवाल सरकार की परीक्षा की घड़ी जब 8 जुलाई 2022 को उन्हीं की सरकार के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार ने आरोप लगाया कि नई शराब नीति कारोबारियों को फायदा पहुंचाने के इरादे से बनाई गई है। इस नीति से सरकार ने जानबूझकर व्यवसायियों को फायदा पहुंचाया। उन्होंने इसकी जांच रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को सौंपी। एलजी ने रिपोर्ट प्राप्त करने के बाद कहा कि उनकी मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बड़े बदलाव कर दिए गए।
Delhi | Security heightened outside the residence of Delhi CM & AAP leader Arvind Kejriwal
AAP Minister Atishi, in a post on social media X last night, claimed that they had information about the possible arrest of Arvind Kejriwal after a raid by the Enforcement Directorate at… pic.twitter.com/IlpkzbjOmy
— ANI (@ANI) January 4, 2024
26 फरवरी को सिसोदिया हुए गिरफ्तार
एलजी ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की। सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को मामला दर्ज कर जांच शुरू की। एजेंसी ने पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, रिटायर्ड सरकारी अफसर, दिल्ली और दक्षिण बेस्ड 9 बिजनेसमैन और 2 कंपनियों को आरोपी बनाया। ऐसे में केजरीवाल सरकार ने 28 जुलाई को नई शराब नीति वापस लेकर पुरानी नीति फिर से लागू कर दी। इसके बाद मामले में 22 अगस्त को ईडी ने मनी लाॅन्ड्रिंग को लेकर मामला दर्ज किया।
इसके बाद ईडी ने 26 फरवरी 2023 को मनीष सिसोदिया और 4 अक्टूबर 2023 को संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया। जानकारी केे अनुसार नई शराब नीति से सरकारी खजाने को 200 करोड़ से अधिक केे राजस्व की चपत लगी।
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अब जानिए दिल्ली की पुरानी शराब नीति क्या है
दिल्ली में पुरानी शराब नीति के अनुसार वेंडर्स को दो प्रकार के लाइसेंस मिलते थे। L1 लाइसेंस वाली शराब दुकानें डीडीए अप्रुव्ड और लाॅकल शाॅपिंग सेंटर और कम्यूनिटी सेंटर में चलती थीं। वहीं एल10 लाइसेंस वाली शराब दुकानें शाॅपिंग माॅल में चलती थीं। हर साल वेंडर लाइसेंस का रिन्यू कराता था।