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दिल्ली

दिल्ली में किरायदारों के लिए बड़ी खुशखबरी, बिजली खपत को लेकर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

दिल्ली में किरायेदार और मकान मालिकों में बिजली बिल विवाद पर दिल्ली हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कहा कि बिजली मीटर का लोड कम कराने के लिए अब मकान मालिक से एनओसी लेने की जरुरत नहीं है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Raghav Tiwari Updated: Aug 18, 2025 13:22
दिल्ली हाईकोर्ट ने किरायेदारों के लिए बिजली मीटर पर बड़ा फैसला सुनाया है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने किरायेदारों के लिए बिजली मीटर पर बड़ा फैसला सुनाया है।

दिल्ली में किरायेदारों के लिए बड़ी खुशखबरी है। किरायेदार और मकान मालिकों में ज्यादातर विवाद बिजली बिल को लेकर होते हैं। अब हाईकोर्ट ने साफ कहा है कि अगर कोई किरायेदार बिजली मीटर का लोड कम कराना चाह रहा है तो उसे मकान मालिक से अनापत्ति पत्र (NOC) लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। किरायेदार खुद इसके लिए आवेदन कर सकता है।

दुकान, मकान, इंडस्ट्री को होगा फायदा

पूरे देश से लाखों लोग काम की तलाश में दिल्ली पहुंचते हैं। वो लोग यहां किराये पर रहकर नौकरी करते हैं। वहीं दिल्ली में चांदनी चौक, कनॉट प्लेस, सदर बाजार, सरोजिनी नगर, और लाजपत नगर जैसे कई बड़े मार्केट हैं। इसके अलावा बादली, बवाना, ओखला, नारायणा, वज़ीरपुर और कंझावला आदि में औद्योगिक क्षेत्र हैं। यहां ज्यादातर घर, बिजनेस साइट, फैक्ट्री, दुकानें किराये पर चलती हैं। कोर्ट के आदेश का सीधा फायदा इन लोगों को होगा।

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‘मकान मालिक का लाभ प्रभावित नहीं’

मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस मिनी पुष्करणा की बेंच सुनवाई की। उन्होंने कहा कि बिजली को उपयोग करने वाला असल उपभोक्ता किरायेदार है। इससे किरायेदार को बिजली मीटर में बदलाव कर सकता है। इसमें मकान मालिक का हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि बिजली से संबंधित मामला या मीटर का लोड कम कराने से मकान मालिक को मिलने वाले लाभ में कोई नुकसान नहीं होगा। कम खपत के बावजूद किरायेदार को ज्यादा बिल देना पड़ता है।

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कंपनी को 1 महीने का मिला समय

हाईकोर्ट ने बिजली कंपनी बीएसईएस को 4 सप्ताह यानी 1 महीने का समय दिया है। आदेश दिया कि किरायेदार के बिजली मीटर का लोड 16 केवीए से घटाकर किरायेदार की असल जरुरत के हिसाब से की जाए। इसके लिए हाईकोर्ट ने कंपनी को 4 सप्ताह का समय दिया है।

कहां से शुरू हुआ विवाद?

बिजली मीटर का लोड कम करने का पूरा विवाद दिल्ली के अंसल टॉवर से शुरू हुआ। यहां एक किरायेदार कई सालों से रह रहा था। फ्लैट का किराया काफी ज्यादा है। किसी कारण से फ्लैट मालिक महिला की मृत्यू हो गई। महिला की वसीयत के हिसाब से फ्लैट उसकी बड़ी बहु के नाम ट्रांसफर होना था। लेकिन भाईयों में जमीन का विवाद होने से फ्लैट का ट्रांसफर नहीं हुआ। किरायेदार ने कहना है कि वह बिजली की कम खपत करता है, लेकिन 15 साल पुराना बिजली मीटर का लोड पहले जैसा ही है। इस वजह से बिल ज्यादा आता है। किरायेदार ने लोड करने के लिए कंपनी में आवेदन किया था लेकिन कंपनी ने बिना मकान मालिक से मर्जी से ऐसा करने से मना कर दिया।

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First published on: Aug 18, 2025 01:22 PM

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