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कैश कांड में ट्रांसफर जज यशवंत वर्मा कौन? सुप्रीम कोर्ट ने जिन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट लौटाया

दिल्ली हाईकोर्ट से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। कैश कांड में फंसे जस्टिस यशवंत वर्मा का ट्रांसफर कर दिया गया है। CJI की अध्यक्षता में बने सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट वापस भेजने का फैसला सुनाया है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा का ट्रांसफर कर दिया है। इस ट्रांसफर के पीछे की वजह कैश कांड को बताया जा रहा है, जिसने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया है। कैश कांड के बाद सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट वापस जाने का फैसला सुनाया है। तो आइए जानते हैं कि यह पूरा कैश कांड क्या है, जिसकी वजह से सुप्रीम कोर्ट को जस्टिस यशवंत वर्मा का ट्रांसफर करना पड़ गया।

क्या है कैश कांड?

दरअसल कुछ दिन पहले जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में आग लग गई थी। जस्टिस यशवंत उस समय घर में नहीं थे। ऐसे में दिल्ली पुलिस और दमकल कर्मियों को आग की सूचना दी गई। फायर ब्रिगेड ने काफी देर की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया। आग बुझने के बाद जब दमकल कर्मी और पुलिस अंदर पहुंचे, तो सभी की आंखें फटी की फटी रह गई। घर के भीतर भारी संख्या में नकदी मौजूद थी। यह भी पढ़ें- 21 मार्च तक दिल्ली के इन रास्तों पर लगेगा ‘तगड़ा’ जाम, दिल्ली पुलिस ने बताई वजह

CJI ने लिया एक्शन

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जस्टिस यशवंत वर्मा के घर में करोड़ों के नोट फैले हुए थे। पुलिस ने इसकी सूचना अधिकारियों को दी और यह मामला सुप्रीम कोर्ट कर पहुंच गया। मामले पर एक्शन लेते हुए मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कॉलेजियम की बैठक बुलाई। इस बैठक के दौरान कई जजों ने जस्टिस यशवंत के इस्तीफे की मांग की। हालांकि कॉलेजियम ने मामले की जांच करने के साथ-साथ जस्टिस यशवंत वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया गया।

जस्टिस यशवंत वर्मा कौन?

जस्टिस यशवंत वर्मा उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखते हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कानून की पढ़ाई करने के बाद जस्टिस वर्मा ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। इलाहाबाद हाईकोर्ट में सेवा देने के बाद उन्हें 12 अक्टूबर 2021 को दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। हालांकि अब कैश कांड के बाद उन्हें फिर से इलाहाबाद हाईकोर्ट भेज दिया गया है। कैश कांड का किस्सा यहीं खत्म नहीं होगा। मुमकिन है कि इस मामले में CBI और ED की भी एंट्री हो सकती है। यह भी पढ़ें- बुलडोजर एक्शन मामला क्यों पहुंचा सुप्रीम कोर्ट? दिल्ली में 3 मंदिरों पर छिड़ा विवाद क्या


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