Air India flight delays in 2003 NCDRC directs airline pay to 2 lakh: राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने एयर इंडिया पर फ्लाइट लेट करने के चलते दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। दरअसल, 2003 में एयर इंडिया की फ्लाइट से केरल से बंगाल और फिर असम जा रहे चार यात्रियों को देरी का सामना करना पड़ा। अब एनसीडीआरसी ने एयर इंडिया पर यात्रियों को 2 लाख रुपए मुआवजे के रूप में देने के लिए कहा है। आयोग ने कहा कि फ्लाइट लेट होती है तो इस स्थिति में एयरलाइन को पैसेंजर को फूड, आवास और ट्रांसपोर्टेशन जैसी चीजें मुहैया करानी चाहिए जो उन्होंने उपलब्ध नहीं कराई।
कई बार हुई फ्लाइट लेट
साथ ही आयोग ने कहा कि एयरलाइन फ्लाइट लेटे होने के कारण बताएं बिना एकतरफा नियमों को लागू नहीं कर सकती है। बिना बताए फ्लाइट लेट करने की वजह से पैसेंजर्स को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। एयर इंडिया में यात्रा करने वाले चार यात्रियों ने लेट फ्लाइट को लेकर 2003 शिकायत दर्ज कराई थी, जब वे तिरुवनंतपुरम से कोलकाता के लिए यात्रा कर रहे थे। इस दौरान बिना पूर्व सूचना के फ्लाइट लेटे होने के चलते उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना किया था। सीवी जोसेफ ने कहा कि तिरुवनंतपुरम से चेन्नई वाली फ्लाइट 1.5 घंटे लेट हुई। इतना ही नहीं इसके बाद चेन्नई एयरपोर्ट से फ्लाइट बिना उन्हें ले जाए कोलकाता के लिए टेक ऑफ कर गई।
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लेट फ्लाइट के बारे में जानकारी देनी चाहिए थी
इसके बाद उन्हें यहां पर एक होटल में स्टे करना पड़ा, जहां पर खाना बहुत खराब दिया गया, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत खराब था। इसके बाद जब वे कोलकाता पहुंचे तो वहां से डिब्रूगढ़ की फ्लाइट के लिए ठंड में भूखे पेट 15 घंटों से ज्यादा इंतजार करना पड़ा। फ्लाइट लेट होने के लिए उन्हें किसी तरह की जानकारी नहीं दी गई थी। इस पर आयोग ने कहा कि एयरलाइन को फ्लाइट लेट होने पर यात्रियों को इसकी जानकारी देनी चाहिए थी अगर इसके पीछे कोई गोपनीय कारण था जिससे सुरक्षा को लेकर खतरा हो सकता था तो उस बार में सील बंद लिफाफे आयोग को जानकारी दी जानी चाहिए थी।