Adani Row: अडानी मामले को लेकर कांग्रेस लगातार पीएम मोदी और उनकी सरकार पर हमलावर है। इसी कड़ी में शनिवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पार्टी की हम अडानी के हैं कौन सीरीज के तहत तीन सवाल पूछे हैं।
महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि 'आज महाशिवरात्रि है....आज तो चुप्पी तोड़िए प्रधानमंत्री जी!' अब जानिए यह हैं कांग्रेस के तीन सवाल
क्या आपके निर्देश पर हुआ फोन?
एक केंद्रीय मंत्री ने गौतम अडानी की ओर से 5-6 व्यवसायियों को कॉल किया और उन्हें अडानी को शर्मिंदगी से बचाने के लिए उनके एफपीओ में निवेश करने के लिए आग्रह किया? क्या यह विषय जांच के लायक हितों के टकराव का नहीं है? क्या केंद्रीय मंत्री ने आपके निर्देश पर यह काम किया?
क्या आपने धोखा किया?
क्या अडानी एफपीओ को उबारने के लिए जिन व्यवसायियों पर दबाव डाला गया, उन्हें यह आश्वासन दिया गया था कि ये सब कवायद गौतम अडानी की साख को बचाने के लिए है और बाद में एफपीओ को रद्द कर दिया जाएगा। निवेशकों को उनका पैसा वापस कर दिया जाएगा? क्या इस जानकारी को अधिकांश निवेशकों से छिपाना और केवल चुनिंदा लोगों के साथ साझा करना भारतीय प्रतिभूति नियमों का उल्लंघन नहीं है? क्या एफपीओ निवेशकों से इस तरह का धोखा करना नैतिक है?
एलआईसी और एसबीआई ने क्यों निवेश किया?
अडानी एफपीओ के निवेशकों में एलआईसी, स्टेट बैंक कर्मचारी पेंशन फंड, एसबीआई लाइफ इश्योरेंस कंपनी शामिल थे। क्या एलआईसी और एसबीआई को करोड़ों भारतीयों के बचत को लगाकर अडानी समूह को उबारने के लिए निवेश करने के लिए निर्देश जारी किए गए थे?
दरअसल, अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने 24 जनवरी को एक रिपोर्ट सार्वजनिक की थी। दावा किया था कि अडानी ग्रुप की कंपनियां स्टॉक्स में हेराफेरी कर रही हैं। उसके बाद से ग्रुप की कंपनियों की मार्केट वैल्यू 100 अरब डालर से ज्यादा कम हो चुकी है।
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