Raipur News: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नगर निगम की ओर से एक बड़ी कार्रवाई की गई है। निगम की टीम ने यहां भू-माफिया के कब्जे से सरकारी जमीन (करीब सवा दो एकड़) को मुक्त कराया है। आरोप है कि सरकारी गिट्टी खदान को पाटकर यहां मकान और गोदाम बनाए गए थे।
जानकारी के मुताबिक रायपुर नगर निगम ने टीम ने चौरसिया कॉलोनी, भैरव नगर में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया। बताया गया है कि नगर निगम को इस अवैध कब्जे की शिकायतें मिल रही थीं। भू-माफिया सरकारी खदान की जमीन को पाटकर लोगों को बेच रहे हैं। इतना ही नहीं, जमीन खरीदने वाले लोगों ने यहां मकान बनाने भी शुरू कर दिए थे।
बुलडोजर चला हो मच गया हड़कंप
नगर निगम की टीम ने जब मौके पर जाकर देखा तो शिकायत सही पाई गईं। इस पर निगम की टीम ने अवैध निर्माण करने वालों के लिए नोटिस भी जारी किया, लेकिन नोटिस के बावजूद निर्माण कार्य न रोकने पर निगम की टीम ने सरकारी अमले के साथ मौके पर पहुंची। बुलडोजर चला सरकारी जमीन को खाली कराया गया है।
इन जगहों पर अभी भी कब्जा कायम
एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रायपुर में चौरसिया कॉलोनी के अलावा मठपुरैना में रिंग रोड दुर्गा मंदिर के पास भी अतिक्रमण की बात कही है। बताया गया है कि दुर्गा मंदिर के पास अवैध गोदाम और दुकानें अवैध रूप से बने हुए हैं। बता दें कि चौरसिया कॉलोनी की इमली खदान में 50 से ज्यादा मकान बन चुके थे।
अवैध कब्जे पर सजा का है प्रावधान
शुक्रवार को रायपुर महापौर ने जोन-6 को लेकर बैठक की थी। बैठक में अवैध कब्जे का मुद्दा भी उठा। इसके बाद नगर निगम कमिश्नर मयंक चतुर्वेदी ने तत्काल एक टीम बनाई और कार्रवाई के निर्देश दिए। जोन-6 अध्यक्ष निशा देवेंद्र यादव ने कहा कि जमीन के उपयोग के संबंध में जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
बता दें कि सरकारी राजस्व भूमि (सरकारी भूमि) पर कब्जा करना एक गंभीर अपराध है। कब्जा करने वाले के खिलाफ धारा-91 के तहत केस दर्ज किया जाता है। इसमें टैक्स का 50 गुना जुर्माना और तीन माह तक की सजा का प्रावधान है। इसमें अधिकारी दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-145 के तहत कार्रवाई की जाती है।