रायगढ़: छत्तीसगढ़ में पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। मामला रायगढ़ का है जहां एसपी द्वारा गठित पुलिस टीम ने पश्चिम बंगाल और झारखंड में की सिलसिलेवार रेड कर करोड़ों की ठगी का खुलासा किया है। इस गिरोह में कुल 22 लोग शामिल हैं जो टॉवर लगाने के नाम पर लोगों से ठगी किया करते थे।
बता दें कि करोडों रुपए की ठगी करने वाले एक गिरोह को पकड़ने में रायगढ़ पुलिस को सफलता हाथ लगी है। यह गिरोह अपना संचालन जामताड़ा और पश्चिम बंगाल के कोलकाता से करते थे। इनके गिरोह में कुल 24 सदस्य थे जो कोलकाता के दमदम में एक किराए के मकान लेकर अपना ठगी का धंधा चला रहे थे।
लड़कियों को कोर्ट में पेश होने के दिए आदेश
यह लोगों से मोबाइल टॉवर लगाने के नाम पर ठगी किया करते थे। 22 लोगों में 14 लड़कियां और 8 लड़के गिरोह में मौजूद थे जिसमें से 8 लड़कों को रायगढ़ पुलिस अपने साथ न्यायिक रिमांड पर रायगढ़ लिए आई है। वहीं अन्य 14 लड़कियों को कोलकाता न्यायालय से अग्रिम जमानत मिली है और उन्हें 25 तारीख तक रायगढ़ में पेश होने के लिए कहा गया है।
पुलिस के हाथ लगे अहम सबूत
पुलिस द्वारा इनके दर्जनों बैंक के खातों को सीज कर दिया गया है और ठगी के रकम की वापसी के लिए पुलिस जुट गई है। निश्चित तौर पर साइबर क्राइम के मामले में रायगढ़ जिले में सबसे बड़ी कार्यवाही है। ठग गिरोह ने छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे देश के सभी राज्यों से ठगी की है। पुलिस को कुछ अहम रजिस्टर एवं कागजात भी मिले हैं जिसमें इन्होंने कहां से किससे कब कितनी ठगी की है, उसकी विस्तृत जानकारी भी पुलिस के हाथ लगी है।
पुलिस अधीक्षक ने आम जनता से अपील की है कि वे लालच में आकर साइबर ठगी के शिकार हो रहे हैं। ईवर्नेस की कमी के कारण पढ़े लिखे लोग भी इनके शिकार हो रहे हैं। इसीलिए पुलिस अधीक्षक ने आम जनता से अपील की है कि वे रुपयों संबंधित कोई भी जानकारी मोबाइल पर साझा ना करें कुछ भी संदेह होने पर तत्काल संबंधित थाना और बैंक में शिकायत दर्ज करवाएं। जब तक लोगों में जागरूकता नहीं आएगी तब तक साइबर क्राइम के मामले बंद नहीं होंगे।