Naxalites Terror in Narayanpur: छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा नक्सलियों के खिलाफ लगातार चलाए जा रहे ऑपरेशन के बावजूद भी नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में नक्सलियों की दहशत कम नहीं हो रही है। दरअसल नक्सलियों के दहशत की वजह से 30 से अधिक सरपंच जिला मुख्यालय में निवासरत हैं। वहीं 50 से अधिक सरपंच अपने गांव नहीं लौट पा रहे हैं। हालात तो यह है कि चुनाव जीतने के बाद से सरपंच का गांव से संपर्क पूरी तरह से टूट गया है। सभी सरपंच नारायणपुर के जिला मुख्यालय के डीपीआरसी भवन में बैठकर गांव की सरकार चला रहे हैं।
जिले के नक्सल प्रभावित ग्राम मोहंदी में आईटीबीपी ने स्थापित किया नवीन कैम्प
---विज्ञापन---नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ में नक्सलियों के गढ़ माने जाने वाले सर्वाधिक नक्सल प्रभावित इलाकों में से एक ग्राम मोहंदी ओकपाड़ में 53वीं वाहिनी आईटीबीपी द्वारा 14 मई 2024 को नया कैम्प स्थापित किया
1/3 pic.twitter.com/f2ufki7IaB— Narayanpur (@NarayanpurDist) May 15, 2024
---विज्ञापन---
गांव जाने के नाम पर कांप जाती है रूह
इतना ही नहीं, पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित वैद्यराज हेमचंद मांझी को भी नक्सल धमकी के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच नारायणपुर सेफ हाउस में रखा गया है। इसके अलावा कुछ जनप्रतिनिधि भी नक्सल पीड़ित परिवारों के लिए बसाए गए शांति नगर में रहते हैं। ग्रामीणों को सरपंच से काम पड़ने पर जिला मुख्यालय आना होता है। बता दें कि नक्सली हर बार चुनावों के बहिष्कार का फरमान जारी करते हैं और जो व्यक्ति इसे नजरअंदाज कर सरपंच का चुनाव लड़ता है, उसे इसकी कीमत गांव छोड़कर या जान गवां कर चुकानी पड़ती है। इन लोगों के दिलों में नक्सलियों का डर इस कदर है कि ये लोग गांव जाने के नाम से कांप जाते हैं।
यह भी पढ़ें: AC में बैठकर शराब पीने पर क्या बोली छत्तीसगढ़ की जनता? भाजपा और कांग्रेस के बीच छिड़ी जंग
सरपंचों के दिल में दहशत
इन सभी सरपंचों के पास ऐसे कई उदाहरण हैं, जैसे सुकमा जिले के पोंगाभेज्जी में होली से ठीक पहले 7 मार्च 2023 को नक्सलियों ने सरपंच पुनेम सन्ना की डंडे से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इसके अलावा बूझमाड़ के कुरुषनार थाने के धुरबेड़ा गांव के पूर्व सरपंच दुलारु ध्रुव की 24 नवंबर 2023 को माओवादियों ने जान से मार दिया था। 28 जून 2023 को भी बुर्कापाल पंचायत की उपसरपंच माड़वी गंगा को नक्सलियों ने मौत के घाट उतार दिया। इन सभी घटनाओं की वजह से सरपंचों के दिल में नक्सलियों का डर बैठ गया है।