Manthan Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। कुछ दिनों में आचार संहिता लागू हो जाएगी। ऐसे में न्यूज24 के लोकप्रिय कार्यक्रम मंथन का छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजन हो रहा है। इसमें राज्य के सीएम भूपेश बघेल ने शिरकत की। न्यूज24 की एडिटर इन चीफ अनुराधा प्रसाद ने सीएम बघेल से नक्सलवाद से लेकर आदिवासी संस्कृति, बघेल मॉडल से लेकर चुनावी एजेंडा पर सीधे सवाल किए। भूपेश बघेल ने नारा दिया है कि अबकी बार 75 पार। खबर के अंत में यूट्यूब लिंक है, जिस पर क्लिक कर आप पूरा वीडियो देख सकते हैं। उससे पहले पढ़िए सवाल और उनके जवाब…
सवाल: कभी महिला आरक्षण बिल आपका था, भाजपा ने बाजी मार ली है?
भूपेश बघेल: महिला आरक्षण बिल कांग्रेस का है। तेलंगाना की वर्किंग कमेटी की बैठक में भी प्रस्ताव पारित किया गया था। सोनिया गांधी जी ने वीकर सिस्टम को लाभ दिए जाने का मुद्दा संसद में उठाया। मुंबई में हुई बैठक में राहुल गांधी ने एक देश-एक चुनाव का खुलासा किया था। लेकिन अब कोई बात करने को तैयार नहीं है। विशेष सत्र का एजेंडा नहीं बताया गया। अब पता चला कि महिला आरक्षण बिल के लिए सत्र बुलाया गया था।
दरअसल, हमारे गठबंधन से पूरी भाजपा डरी है। इसलिए वे हमें कभी घमंडिया कहते हैं तो कभी कुछ और। पूर्व पीएम राजीव गांधी पंचायती राज व्यवस्था लाए थे। उनके प्रयास से ही 33 फीसदी आरक्षण पंचायतों और नगर निकायों को मिला था। महिलाओं को जब मौका मिलता है तो बड़े अच्छे से नेतृत्व करती हैं। विधानसभा और लोकसभा में भी मौका मिलेगा तो अच्छा करेंगी। लेकिन उन्होंने कहा कि जनगणना कराएंगे, फिर परिसीमन कराएंगे। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले यह संभव नहीं है।
सवाल: महिला आरक्षण बिल से महिलाओं को भरोसा जरूर मिला है?
भूपेश बघेल: हम चाहते हैं 2024 में महिला आरक्षण बिल लागू हो।
सवाल: महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस का स्टैंड क्या है?
भूपेश बघेल: अगर 2024 में हमारी सरकार आई तो इसे तत्काल लागू कराएंगे। बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी लोगों को बहुत परेशान कर रही हैं। महिलाओं को घर चलाना बेहद मुश्किल हो रहा है। महिलाएं चिंतित हैं कि ये 2029 में लागू होगा या 2039 में लागू होगा।
सवाल: आप पर महिलाएं कैसे भरोसा करें?
भूपेश बघेल: महिलाएं इसलिए वोट करेंगी क्योंकि हमने उन्हें आर्थिक मोर्चे पर सशक्त किया है। कई योजनाएं हैं, जिनसे घरों में पैसा बहुत पहुंच रहा है। महिलाओं का खूब आशीर्वाद है।
सवाल: राजस्थान के सीएम ने 500 में गैस सिलेंडर देने का वादा किया है। क्या आप भी लागू करेंगे?
भूपेश बघेल: हमारा राज्य छोटा है। इसलिए बजट भी सीमित है। एक लाख 8 हजार करोड़ रुपए लाभार्थियों के खाते में सीधे गया है। गन्ना उत्पादक, स्वयं सहायता समूह आदि योजनाओं के जरिए सहायता मिली है। ऋण माफी की है। अब 2023 का चुनाव है। घोषणा पत्र में क्या-क्या मिलेगा, यह जल्द खुलासा होगा।
सवाल: शराबबंदी लागू नहीं किया, संकल्प पत्र में कहा था?
भूपेश बघेल: इसे हमने आत्मसात किया है। केवल शराब की बात नहीं है, सूखा नशा भी है। कोई भी नशा हो वह किसी को फायदा नहीं पहुंचाता है। अभी हमें अनुभव से निर्णय लेना चाहिए। कोरोनाकाल में सबकुछ बंद था। लोग घरों में थे। उस समय हम सबने देखा कि हरियाणा से चलकर ट्रक छत्तीसगढ़ में पकड़ा जा रहा है। उस समय भी जहरीली शराब पीकर लोगों की जान चली गई। एक वातावरण बनाने की जरूरत है, शराब के खिलाफ।
सवाल: नक्सलवाद को खत्म करने के लिए क्या प्रयास हुए?
भूपेश बघेल: नक्सलवाद से दो तरह की लड़ाई लड़ी गई है। नक्सलवाद का जवाब गोली से गोली का नहीं है। दूसरे लोग इसे आर्थिक-सामाजिक कारण मानते रहे। भाजपा शासन में नक्सलवाद खूब पला-बढ़ा। हमने कई नेताओं को खोया। कई आदिवासी मारे गए। गोली का जवाब गोली नहीं है। लोगों को सुरक्षा प्रदान की गई। आदिवासियों की जमीन वापस कराई गई। फॉरेस्ट एक्ट के तहत पट्टा दिया गया। अस्पताल गांव तक पहुंचे। इससे लोग आर्थिक रुप से संपन्न हुए। परसों वीजापुर गए थे। डीएम ने जवाब दिया कि 20 हजार राशन कार्ड बनाए। आंगनबाड़ी केंद्र खोले गए। लोग संपन्न हुए तो ट्रैक्टर खरीदे। बाइक खरीदी। पहले होता था कि सड़क बनी नहीं कि उसे काट देते थे। लेकिन पांच सालों में एक भी सड़क नहीं काटी गई। अब नक्सलवाद खत्म हो रहा है। लोग नक्सलवादियों को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। अब सिर्फ दो जिले नक्सल से प्रभावित हैं। 600 गांव नक्सलवाद से मुक्त हुए हैं।
सवाल: देश में गुजरात मॉडल, केजरीवाल मॉडल की बात होती है, इस बीच भूपेश बघेल का मॉडल अलग कैसे है?
भूपेश बघेल: गुजरात मॉडल को बेच-बेचकर भाजपा सत्ता में है। लेकिन गुजरात मॉडल का लाभ पाकर कोई आगे बढ़ा हो, ऐसा कोई दिखता नहीं है। एक दोस्त का 14 लाख करोड़ रुपए माफ कर दिया। केजरीवाल का जो मॉडल है, उसमें कहीं भी उद्योग लगना है, दिल्ली में ही लगेगा। दिल्ली की सड़कें आज भी खराब है। जब लॉकडाउन लगा तो सबसे ज्यादा दिल्ली से लोग यूपी-बिहार पैदल गए। छत्तीसगढ़ मॉडल ये है कि स्वयं सहायता समूह, किसानों का कर्ज माफ किया। आम जनता के जेब में पैसा डालने का काम किया, ये कांग्रेस का मॉडल है। उसे आगे बढ़ने के लिए विकल्प दिया। कोई उद्योगपति नहीं कह सकता है कि उसे परेशान किया गया। शिक्षा का वातावरण बनाया। छत्तीसगढ़ की सरकार हर वर्ग को वातावरण बना रही है।
सवाल: मुफ्त की रेवड़ी बांटने से अर्थव्यवस्था खराब नहीं होती है?
भूपेश बघेल: हमारी सरकार श्रम का सम्मान कर रही है। किसान मेहनत करे तो उसकी उपज का दाम मिलना चाहिए। यही काम हमारी सरकार कर रही है। घरेलू बचत 50 साल में सबसे कम हो गई है। भारत सरकार ने पूरे जीडीपी का 40 फीसदी लोन ले चुकी है। छत्तीसगढ़ सिर्फ 16 फीसदी है। कर्ज की बात हो या विकास की बात हो, कहीं पीछे नहीं है। भारत सरकार से तुलना करके देख लीजिए। मध्यप्रदेश में खुद क्या कर रहे हैं?
सवाल: आप सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति करते हैं?
भूपेश बघेल: जीएसटी कलेक्शन में हमारा राज्य किसी से पीछे नहीं है। मैं धर्म को राजनीति से अलग मानता हूं। मैं किसी धर्म का अपमान नहीं करता। लेकिन छत्तीसगढ़ की जो संस्कृति है, परंपरा है, उसे उभारने का काम किया है। छत्तीसगढ़ में आदिवासी नृत्य कराया। पहली बार देश-दुनिया में ऐसा आयोजन हुआ। हरियाणा में ट्राइबल नहीं रहते हैं। वे भी आए। लद्दाख से भी आए। तीन साल में 27 देशों की टीमें आई। आदि संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए संरक्षण-संवर्धन का काम कर रहे हैं। कौशिल्या माता के मंदिर के सौंदर्यीकरण का काम कराया।
सवाल: क्या इस बार भूपेश बघेल Vs नरेंद्र मोदी होगा?
भूपेश बघेल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री बनने थोड़ी आएंगे। रमन सिंह 15 साल सीएम रहे। बीजेपी उन्हें अपना चेहरा क्यों नहीं बना रही हैं। अब नय सहबो, बदल कय रहबो, नारा दिया है।
सवाल: 71 सिटिंग विधायक हैं, क्या उसमें भी टिकट कटेंगे?
भूपेश बघेल: ये काम हमारी पार्टी का है। हो सकता है कुछ साथियों के टिकट बदलने पड़े तो पार्टी निर्णय करेगी। सर्वे रिपोर्ट, कार्यकर्ताओं की भावना को देखते हुए टिकट तय किए जाएंगे।
सवाल: छत्तीसगढ़ में वोटकटवा कौन है?
भूपेश बघेल: पिछले समय अजीत जोगी जी थे। अब उनके बेटे अमित जोगी में वो दम नहीं है। अजित जोगी जी बड़े नेता थे। अमित की बात पर कोई विश्वास नहीं करता है।