Chhattisgarh Election: सर्व आदिवासी समाज 50 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगा। पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा कि आदिवासी समाज के हित के लिए वर्ष 1996 में बने पेशा कानून की छत्तीसगढ़ में हत्या कर दी गई है। पेशा कानून के तहत जल, जंगल और जमीन पर ग्रामसभा और गांव वालों का अधिकार था। उसे राज्य सरकार ने नियम बनाकर खत्म कर दिया है।
अरविंद नेताम ने कहा कि पिछले 15 सालों से संघर्ष करते आदिवासी समुदाय थक चुका है। न भाजपा, न ही कांग्रेस की सरकार में आदिवासी वर्ग के हितों की चिंता की गई। अब विधानसभा चुनाव में सर्व आदिवासी समाज आरक्षित 30 विधानसभा सीटों सहित 50 सीटों पर अपना प्रत्याशी खड़ा करेगी। सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष नेताम ने कहा कि 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के दिन धरना प्रदर्शन और जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। हसदेव आंदोलन में भी आदिवासी नेताओं पर प्रशासन ने दमनात्मक कार्रवाई की थी।
उन्होंने कहा कि नवंबर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में 50 से अधिक सीटों पर सर्व आदिवासी समाज अपना प्रत्याशी मैदान में उतारेगी। इनमें 20 से 25 ऐसी सीटें हैं, जहां 20 हजार से 80 हजार मतदाता आदिवासी समुदाय से आते हैं। दूसरे समाज के लोग भी यदि हमारे बैनर से चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो उन्हें भी मौका दिया जाएगा। छोटी पार्टियों से भी बात कर रहे हैं,उनसे समझौते की बात चल रही है।