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तुम्हारा पार्सल पकड़ा गया है इसलिए तुम्हें…Chhattisgarh में साइबर ठगी का अनोखा तरीका, 5 डॉक्टरों को कॉल करके बोला

Raipur Cyber Crime: साइबर ठग लोगों को लूटने के लिए रोज नई-नई तरकीबें निकालते रहते हैं। कभी वे बैंक के नाम पर तो, कभी योजना के नाम पर लोगों को फोन कर अपने झांसे में लेने की कोशिश करते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के रायपुर से भी आया है, जहां जालसाजों ने […]

Raipur Cyber Crime: साइबर ठग लोगों को लूटने के लिए रोज नई-नई तरकीबें निकालते रहते हैं। कभी वे बैंक के नाम पर तो, कभी योजना के नाम पर लोगों को फोन कर अपने झांसे में लेने की कोशिश करते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के रायपुर से भी आया है, जहां जालसाजों ने कुरियर कंपनियों के नाम पर यहां के डॉक्टरों को निशाना बनाया है।

ठगों के पास होते हैं आधार नंबर

साइबर ठगी को लेकर रायपुर पुलिस के पास छह शिकायतें पहुंची है। इसमें से पांच डॉक्टर हैं। पुलिस ने जब जांच की तो पता चला कि जालसाजों के नंबर ताइवान के हैं। हालांकि, ठगी नहीं हुई है। ठगों के पास वे जिनको निशाना बनाते हैं उनके आधार कार्ड के नंबर भी रहते हैं। जालसाज फैडएक्स, ब्लू डार्ट आदि जैसी प्रतिष्ठित कुरियर कंपनियों का उपयोग कर रहे हैं। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उसे फोन कर कहा गया कि उसके द्वारा कुरियर विदेश में भेजा गया है और कुरियर में हेरोइन है। उसने प्रार्थी का आधार कार्ड का नंबर भी बता दिया। फोन करने वाला यह कहकर डराने लगा कि पार्सल पुलिस ने पकड़ लिया है। इसके बाद उसने कहा कि वह मुंबई पुलिस के अधिकारी से बात कर लें। फिर एक व्यक्ति ने फोन किया और खुद को मुंबई पुलिस से होने का दावा किया। यह भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ कुक्कुट पालन प्रोत्साहन योजना; शुरू कर सकते हैं अपना व्यापार, सरकार करेगी मदद इसके बाद ठगों ने स्काइप ऐप डाउनलोड करने के लिए बोला, उसने वीडियो कॉल की उसमें किसी का चेहरा नहीं दिखा, लेकिन मुंबई पुलिस का लोगो था। ऐसे में वह डर गया। ठगों ने कहा कि जब तक मामला क्लियर नहीं हो जाता तब तक उसे पैसे दूसरे खाते में जमा करने होंगे। इसके लिए एक खाता नंबर भी भेज दिया गया। हालांकि, प्रार्थी ने पैसे जमा नहीं किए और इसकी सूचना सीधे साइबर सेल को दी।

कैसे बचें

साइबर एक्सपर्ट बताते हैं कि अगर आपने कोई ऑर्डर बुक नहीं किया तो, फोन करने वाले को साफ मना कर दें। किसी भी अनजान के साथ अपना ओटीपी ना शेयर करें। जो आपसे ओटीपी मांग रहा है, उसका वेरिफिकेशन जरूर करें। डिलिवरी पैकेज के लिए पैसे देने से पहले उसे खोलकर ये देख लें, कि आपको सही डिलिवरी मिली भी है या नहीं।

कहां से मिलती है डिटेल्स

पुलिस ने शिकायत करने वाले सभी डॉक्टरों से बात की। पुलिस को भी शक था कि आखिर आधार नंबर और नाम ठगों के पास कैसे पहुंच रहा। पूछताछ में पता चला कि सभी डाक्टर किसी न किसी सेमीनार या कांफ्रेंस में दिल्ली, मुंबई सहित अन्य शहरों में होटल में रूके हुए थे और वहां अपना आधार कार्ड दिया था। आशंका है कि आधार का डाटा वहीं से बेचा जा रहा है।  


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