Health Minister Shyambihari Jaiswal Action: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सोमवार को बिलासपुर के छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (Chhattisgarh Institute of Medical Sciences) में कथित रूप से भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप में डीन और अधीक्षक को निलंबित करने का निर्देश दिया। इस पर अधीक्षक अधूरे डॉक्यूमेंट के साथ मौजूद हुए। वहीं, पिछले 3 सालों में हुई खरीदी की जानकारी नहीं दे सके। इस पर मंत्री का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने बैठक में ही अधीक्षक और डीन को सस्पेंड करने की बात कह दी। सिम्स में चादरों की खरीदी, फाइनेंशियल ड्राइंग, आयुष्मान कार्ड के फाइनेंशियल इनवार्ड आउटवार्ड, नॉन पैरा मेडिकल स्टाफ की भर्ती, आयुष्मान मित्र की भर्ती, गैर पैरा मेडिकल स्टाफ को आयुष्मान राशि के भुगतान जैसे कई मामलों में वित्तीय अनियमिता चरम पर पहुंच गई है।
इसके अलावा बैठक में मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सिम्स प्रबंधन से 3 सालों की खरीदी, बिक्री और भुगतान का ब्यौरा मंगाया और इसकी जांच के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। इस दौरान डीन डॉ. कमल किशोर सहारे बैठक से गायब रहे, वहीं उनकी जगह अधीक्षक डॉ. सुजीत नायक ने जानकारी दी, मंत्री द्वारा कई सवाल किए गए, जिसका डॉ नायक जवाब नहीं दे सके, इसके बाद मंत्री ने अधिकारियों से सिम्स के डीन डॉ. कमल किशोर सहारे और अधीक्षक डॉ. सुजीत नायक को सस्पेंड करने का मौखिक आदेश दे दिया। उन्होंने तत्काल दोनों अधिकारियों को सस्पेंड कर इन पर जांच करने के निर्देश कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन को दिए हैं। मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के बैठक लेने की दो दिन पहले ही जानकारी मिल गई थी। इसके बाजवूद सिम्स के डीन केके सहारे का पूरी बैठक के दौरान नदारद रहे। डीन के कॉलेज से गायब होने की जानकारी अन्य अधिकारियों को भी नहीं थी।
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नए डीन और अधीक्षक की पोस्टिंग जल्द
सिम्स प्रबंधन ने डेढ़ करोड़ की राशि से महज चादर खरीद लिया है। करीब 1500 चादर खरीदी गई है, जिसकी कीमत 10 हजार रुपए बताई जा रही है, यह सरासर वित्तीय अनियमिता का मामला है। ऐसे में दोनों अधिकारियों के पद पर रहते हुए जांच पूरी निष्पक्षता से कराना संभव नहीं होता है, इसलिए अधिकारियों को हटाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक नियमानुसार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी। जांच पूरी होने के बाद एफआईआर की जाएगी। उन्होंने कहा कि नए डीन और अधीक्षक की पोस्टिंग का आदेश विभाग द्वारा जारी किया जाएगा।
गड़बड़ी की होगी जांच
सिम्स में हुई गड़बड़ी को लेकर आईएएस लेवल के अधिकारी जांच कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि डीन और अधीक्षक को सस्पेंड किया गया है। जांच के लिए आईएएस अधिकारी से कराई जा सकती है। उन्होंने कहा कि बैठक के बाद इससे बड़ी कार्रवाई सिम्स प्रबंधन पर नहीं हो सकती थी। अधिकारियों के द्वारा खरीदी और भुगतान के 3 साल के दस्तावेज की जांच की जाएगी। इसमें अनियमितता मिलने पर एफआईआर कराई जाएगी।
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