Union Minister Tokhan Sahu Big Announcement: छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार लगातार विकास कार्यों को करने में जुटी हुई है। इसी में राज्य के अंदर विकास को नई उड़ान देने के लिए साय सरकार कड़ी मेहनत कर रही है।
इसी के तहत बिलासपुर जिले के रतनपुर स्थित महामाया मंदिर परिसर की तस्वीर बदलने वाली है। इसे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर परिसर की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। केंद्रीय एजेंसी द्वारा बनाई गई 150 करोड़ की योजना के अमल होने पर मंदिर परिसर का पूरी तरह कायाकल्प हो जाएगा।
रतनपुर में विराजमान मां महामाया के प्रति देश-प्रदेश के श्रद्धालुओं की बहुत श्रद्धा है। मंदिर परिसर को 150 करोड़ की लागत से पूरी मरम्मत की जाएगी। इस प्रोजेक्ट का मकसद मंदिर परिसर को काशी और उज्जैन की तर्ज पर विकसित करना है। कॉरिडोर में श्रद्धालुओं के लिए भव्य एंट्रेंस, सुगम आवागमन, आधुनिक पेयजल, शौचालय, पार्किंग और पर्यटकों के ठहरने की सुविधा शामिल होगी। इसके साथ ही मंदिर परिसर का सुंदरीकरण और लाइटिंग व्यवस्था भी होगी।
केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने की चर्चा
केंद्रीय शहरी एवं आवास राज्य मंत्री तोखन साहू की अध्यक्षता में हुई बैठक में परियोजना की योजना पर चर्चा की गई। राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (National Buildings Construction Corporation) इस प्रोजेक्ट की निगरानी करेगा। इस परियोजना से न केवल रतनपुर को धार्मिक पर्यटन में नई पहचान मिलेगी, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर को भी राष्ट्रीय और इंटरनेशनल लेवल पर ख्याति मिलेगी।
क्या है इतिहास
बिलासपुर-कोरबा रास्ते पर स्थित रतनपुर नगर आदिशक्ति मां महामाया देवी का दिव्य धाम है। इस नगरी का गौरवशाली इतिहास राजा रत्नदेव प्रथम से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने इसे राजधानी के रूप में स्थापित किया था। यहां महामाया मंदिर देशभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र है। हर साल लाखों की संख्या में भक्त और पर्यटक यहां दर्शन के लिए पहुंचते हैं। कॉरिडोर बनने पर यहां आने वाले श्रद्धालुओं को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
धार्मिक पर्यटन को नई पहचान
मां महामाया मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष आशीष सिंह ने बताया कि महामाया मंदिर कॉरिडोर छत्तीसगढ़ को धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर नई पहचान देगा। यह प्रोजेक्ट न केवल आस्था का प्रतीक बनेगी, बल्कि राज्य के सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में भी मददगार होगी।
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