अमिताभ ओझा, पूर्णिया
Pappu Yadav Loksabha Seat: बिहार में पूर्णिया सीट पर चल रहा विवाद सुलझने को ही नहीं आ रहा है। RJD और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर हुए समझौते के बाद पूर्णिया सीट आरजेडी के खाते में आई है और लालू प्रसाद यादव ने यहां से बीमा भारती को टिकट दी है। बावजूद इसके पप्पू यादव कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं हैं। वह थोड़ी देर में अपना नामांकन दाखिल करने जा रहे हैं। नामांकन से पहले उन्होंने News24 के साथ खास बातचीत उन्होंने अपने दिल की बात साझा की है।
पप्पू यादव ने नामांकन दाखिल करने से पहले खास बातचीत में कहा कि न जानें कि लालू जी किस बात की दुश्मनी निकाल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘लालू जी पता नहीं कौन सी दुश्मनी निकाल रहे हैं। तेजस्वी यादव को समझना चाहिए ऐसी भी दुश्मनी ठीक नहीं।’ पप्पू यादव ने कहा वो सिर्फ एक सीट चाहते थे पूर्णिया लेकिन लालू जी चाहते थे कि मैं अपनी पार्टी का विलय आरजेडी में कर दूं। जबकि राहुल जी और प्रियंका गांधी जी को वचन दे चुका था। इसलिए कांग्रेस में पार्टी का विलय कर दिया।
राजनीति में दुश्मन बनाना ठीक नहीं
पप्पू यादव ने आगे कहा कि लेकिन तेजस्वी जी और लालू जी को कहना चाहता हूं कि राजनीति में किसी को दुश्मन नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सिर्फ पप्पू को रोकने के लिए लालू और तेजस्वी ने कांग्रेस को बिहार में रोक दिया। पूर्णिया के साथ-साथ सुपौल, मधेपुरा और अररिया की सीट ले ली। लेकिन इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा।
#WATCH | Purnea, Bihar: Congress leader Pappu Yadav says, “…From the last 14 days, people are asking, what about Purnea? what about Pappu Yada? I have won the hearts and I will get the blessings as well. I said the same thing to Lalu Yadav with folded hands. Purnea never let me… pic.twitter.com/REoeONT0dm
— ANI (@ANI) April 4, 2024
आरजेडी के खिलाफ क्यों नहीं लड़ सकते
पप्पू यादव ने कहा की वे कांग्रेस के साथ है। जब वायनाड में डी राजा की पत्नी राहुल गांधी जी के सामने चुनाव लड़ सकती हैं। बंगाल में ममता बनर्जी कांग्रेस के खिलाफ लड़ सकती है। आप पंजाब में कांग्रेस के खिलाफ लड़ सकती है तो पप्पू यादव पूर्णिया में आरजेडी के खिलाफ क्यों नहीं लड़ सकता है? पूर्णिया मेरी मां है मेरी जान है पूर्णिया छोड़कर जाने का सवाल ही नहीं उठता है।
समर्थकों में जोश
नामांकन भरने जा रहे पप्पू यादव के समर्थक बड़ी संख्या में पूर्णिया पहुंचे हैं। बिहार के अलग-अलग जिलों से ये समर्थक आए हैं और ये समर्थक बड़े आक्रोश में हैं।