बिहार सरकार ने राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए उनके वेतन भुगतान के लिए 25 अरब रुपये की राशि मंजूर की है। यह राशि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए समग्र शिक्षा अभियान के तहत मंजूर की गई है। इसके अंतर्गत प्रारंभिक रूप से 825 करोड़ रुपये जिलों को जारी किए गए हैं, जिससे अगले सप्ताह तक शिक्षकों का वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जा सकेगा।
इस मंजूर राशि में से तत्काल 825 करोड़ रुपये जिलों को बांटे गए हैं। शिक्षा विभाग द्वारा महालेखाकार को भेजे गए पत्र के अनुसार, यह राशि पंचायती राज संस्थाओं और नगर निकायों के अधीन कार्यरत शिक्षकों तथा अपग्रेडेड मिडिल स्कूल में जिला संवर्ग के ग्रेजुएट ट्रेंड वेतनमान वाले शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के वेतन भुगतान के लिए निर्धारित की गई है। ये शिक्षक समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत कार्यरत हैं और यह भुगतान वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए किया जाएगा।
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों से संबंधित आंकड़े एचआरएमएस पोर्टल पर अपलोड करने का आदेश जारी किया है। एक ओर जहां राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए 25 अरब रुपये की मंजूरी दी गई है। वहीं दूसरी ओर राज्य में पहली कंपीटेंसी एग्जाम पास विशिष्ट शिक्षकों के वेतन भुगतान में आ रही समस्याएं अब जल्द ही दूर होने की संभावना है।
कहां अपलोड होंगी जानकारी?
इसके तहत संबंधित शिक्षकों के विवरण एचआरएमएस पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे और वंचित शिक्षकों की तकनीकी ज्वाइनिंग का प्रोसेस पूरा किया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि जिन शिक्षकों का डाटा पोर्टल पर अपलोड नहीं हो पाया है, उन्हें इसकी जानकारी दी जाए ताकि वेतन भुगतान में आ रही बाधाएं दूर की जा सकें।
निर्देशानुसार, जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा हर एक शिक्षक की आवेदन संख्या पीआरएएन और अन्य जरूरी डिटेल्स की इंट्री गूगल शीट पर की जाएगी। इसके अलावा, पीआरएएन से जुड़ा मोबाइल नंबर अपडेट होने के बाद ही इससे जुड़े टीचर्स का डाटा एचआरएमएस पोर्टल पर अपलोड होगा।
इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए गए हैं। निर्देशों के अनुसार, ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अगर किसी शिक्षक का आधार नंबर गलत दर्ज है या अभी तक अपडेट नहीं किया गया है, तो संबंधित शिक्षक को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) से संपर्क कर विवरण को अपडेट कराना होगा। इसके साथ ही अगर किसी शिक्षक का एप्लिकेशन नंबर पीआरएएन अथवा क्लास कैटेगरी सही नहीं है, तो उन्हें भी जरूरी रूप से सुधार कर अपडेट किया जाएगा।
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