CBI closure report: नौकरी के बदले जमीन मामले में आज दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान तेजस्वी और तेज प्रताप यादव की ओर से आरोपों पर दलीलें सुनने के लिए सोमवार की तारीख तय की गई है। लालू यादव की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने कहा कि सीबीआई इस मामले में जांच कर पटना में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है। मामले में शनिवार को एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दलीलें दी गई। बहस के दौरान वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने एके इंफोसिस्टम्स की ओर से दलीलें दीं।
कंपनी के वकीलों ने दी ये दलीलें
कंपनी के वकील ने कहा कि 2007 में जमीन खरीदी थी। जमीन बेचने वाले आरोपी को 2008 में रेलवे में नौकरी मिल गई थी। इस लेन-देन का आपस में कोई संबंध नहीं है। वरिष्ठ वकील ने आगे कहा कि ईडी ने आरोप लगाया कि एके इंफोसिस्टम्स जिसकी संपत्ति 1.77 करोड़ रुपये थी। कंपनी पर 1.20 करोड़ की देनदारी थी। इस कंपनी के पास लालू परिवार के केवल 1 लाख रुपये थे।
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सीबीआई क्लोजर रिपोर्ट लगा चुकी है
कंपनी के वकीलों ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों के लिए जमीन से जुड़े आरोपों की सीबीआई ने पहले भी जांच की थी। इसके बाद जांच एजेंसी ने पटना की एक कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि सीबाआई ने इसी मामले को फिर नए सिरे दायर किया है। इससे पहले शुक्रवार को लालू यादव की बेटी हेमा की ओर से दी गई दलीलें सुनीं। कोर्ट में तर्क दिया कि सीबीआई ने लालू परिवार को निशाना बनाने के लिए लोगों को चुन-चुनकर निशाना बनाया।
वकीलों ने दलील दी थी कि एजेंसी चुनिंदा लोगों को चुन-चुनकर सारी कड़ियां खोलने की कोशिश कर रही है। वे बस किसी तरह इस मामले में अपना नाम जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। यह तर्क दिया गया कि जमीन के हस्तांतरण और दी गई नौकरियों की तारीखों के बीच काफी समय का अंतर था। जांच एजेंसी दोनों को कैसे जोड़ सकती है?
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