Ganga Vilas Cruise: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) से असम के डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हुआ क्रूज (Ganga Vilas Cruise) बिहार में अटक गया। बताया गया है कि बिहार (Bihar) के सारण (Saran) स्थित डोरीगंज में नदी में पानी कम और मिट्टी (गाद) ज्यादा होने के कारण क्रूज में सवार यात्रियों को अन्य छोटे जहाजों के सहारे किनारे तक लाया गया। जहां सभी ने ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराया।
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13 जनवरी को पीएम मोदी ने दिखाई थी हरी झंडी
जानकारी के मुताबिक 13 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्चुअली तरीके से गंगा विलास क्रूज को हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद क्रूज अपनी 51 दिन की यात्रा पर रवाना हुआ। बताया गया था कि क्रूज में 36 पर्यटकों की क्षमता है। इसके अलावा तीन डेक और बोर्ड पर 18 सुइट हैं। इस क्रूज में जिम, स्पा सेंटर और लाइब्रेरी समेत कई सुविधाएं हैं। क्रूज पर स्विट्जरलैंड और जर्मनी के 31 यात्रियों का एक समूह सवार है। इनके अलावा 40 चालक दल के सदस्य भी हैं।
बिहार के सारण में पहुंचा था
गंगा की धाराओं के साथ चलते हुए क्रूज आज अपनी तीसरे दिन की यात्रा के दौरान बिहार के सारण पहुंचा था। यहां नदी किनारे पानी कम होने के कारण क्रूज को 800 मीटर दूर रोकना पड़ा। इसके बाद अन्य छोटे जहाजों के सहारे सबी सैलानियों को किनारे तक लाया गया। इस दौरान घाट पर संबंधित प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। सभी सैलानियों का ढोल नगाड़ों के साथ माला पहना कर स्वागत किया गया। यहां गाड़ियों के माध्यम से सभी को पुरातात्विक स्थानों पर घुमाया गया।
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ये है गंगा विलास क्रूज का रूट
51 दिन की यात्रा में गंगा विलास लग्जरी क्रूज बांग्लादेश से होकर भी गुजरेगा। इसके बाद असम में ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे डिब्रूगढ़ जाएगा। गंगा विलास लग्जरी क्रूज भारत और बांग्लादेश के पांच राज्यों से होते हुए करीब 3,200 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करेगा।
क्रूज यूपी, बिहार, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश और असम की कुल 27 नदियों से होकर गुजरेगा। यह तीन प्रमुख नदियों गंगा, मेघना और ब्रह्मपुत्र को भी कवर करेगा।
क्रूज बंगाल में भागीरथी, हुगली, विद्यावती, मालता और सुंदरबन नदी प्रणालियों में प्रवेश करेगा। बांग्लादेश में, यह बांग्लादेश में मेघना, पद्मा और जमुना से होकर गुजरेगा और फिर असम में ब्रह्मपुत्र में प्रवेश करेगा।
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