DP Ojha Passes Away(अमिताभ ओझा): बिहार के पूर्व डीजीपी डीपी ओझा का निधन हो गया है। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वे 1967 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। उन्हें कड़क छवि के लिए जाना जाता था।
उन्होंने डीजीपी रहते बिहार के बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन की नाक में दम कर रखा था, लेकिन आज डीपी ओझा का पटना मे निधन हो गया। वे काफी समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित ओझा भारतीय पुलिस सेवा की नौकरी से वीआरएस लेने के बाद पटना में ही रह रहे थे।
डीपी ओझा को राबड़ी देवी की सरकार में 1 फरवरी 2003 को डीजीपी बनाया गया था। डीजीपी बनने के बाद डीपी ओझा ने माफियाओं और बाहुबलियों के खिलाफ अभियान छेड़ दिया थ।. सिवान के बाहुबली सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ उन्होंने कड़ी करवाई शुरू कर दी थी।
जब उनके ऊपर सरकार ने दबाव बनाना शुरू किया तो वे बगावत की भूमिका में आ गए थे। उन्होंने मोहम्मद शहाबुद्दीन के खिलाफ 150 पेज का रिपोर्ट तैयार किया था, जिसमे अंडरवर्ल्ड के साथ मोहम्मद शहाबुद्दीन के रिश्तों का पूरा कच्चा चिट्ठा था।
कई मामले में लालू प्रसाद यादव को भी उन्होंने नहीं बख्शा, इसलिए राबड़ी देवी की सरकार ने रिटायमेंट के 2 महीने पहले ही डीपी ओझा को डीजीपी के पद से हटा दिया। उनके बाद डब्ल्यू एच खान को डीजीपी बना दिया।
डीपी ओझा ने वीआरएस ले लिया और सक्रिय राजनीति में उतर गए। बेगूसराय से निर्दलीय चुनावी मैदान में भी उतरे, लेकिन सफल नहीं रहे। इसके बाद वे पटना में ही रहने लगे। परिवार के अनुसार, पिछले कई दिन से वे काफी बीमार चल रहे थे।
कैसा रहा राजनीति में करियर
जनवरी 2003 में राबड़ी देवी के नेतृत्व वाली तत्कालीन आरजेडी सरकार ने उन्हें बिहार के डीजीपी पद पर अपॉइंट किया। हालांकि, उनकी आरजेडी के टॉप नेता लालू यादव से बिल्कुल नहीं बनी। डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस रहते हुए उन्होंने सीवान से तत्कालीन सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन पर शिकंजा कसना शुरू किया। उसके खिलाफ मर्डर, किडनैपिंग, फिरौती जैसे कई आपराधिक मामले दर्ज थे।
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