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बिहार

Bihar: वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ऊर्जा विभाग की ओर से 13484 करोड़ रुपए अनुदान की मांग

बिहार में अब तक 62 लाख से अधिक स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जा चुके हैं, जिससे उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत पर अधिक नियंत्रण मिल रहा है।

Author Edited By : Amit Kasana Updated: Mar 19, 2025 21:09
nitish kumar
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बिहार के ऊर्जा विभाग ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में विद्युत उत्पादन, संचरण और वितरण के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। ऊर्जा मंत्री द्वारा वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ऊर्जा विभाग की ओर से 13,484.3517 करोड़ रुपए की अनुदान मांग विधानसभा में की गई है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं के सहयोग से वितरण कंपनियों ने 15,109 करोड़ रुपए का रिकॉर्ड राजस्व संग्रहण किया, जिससे 1,274 करोड़ रुपए का लाभ दर्ज किया गया। इससे वर्तमान वित्तीय वर्ष उपभोक्ताओं के बिजली दरों में प्रति यूनिट 15 पैसे की कमी आई। राज्य सरकार लोगों को सस्ती बिजली देने के लिए प्रतिबद्ध है।

5.81 लाख किसानों को बिजली कनेक्शन दिया जा चुका है

विद्युत वितरण के क्षेत्र में उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री विद्युत सहायता योजना के तहत विद्युत उपभोक्ताओं के लिए इस वित्तीय वर्ष में 15,343 करोड़ का अनुदान दिया गया, जिससे सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं को बिजली दरों में राहत मिली। किसानों के लिए सिंचाई बिजली दर मात्र 55 पैसे प्रति यूनिट कर दी गई है, जिससे डीजल पंप की तुलना में 10 गुना सस्ती सिंचाई संभव हो रही है। मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना के तहत अब तक 5.81 लाख किसानों को बिजली कनेक्शन दिया जा चुका है, जबकि शेष किसानों को सितंबर 2026 तक कनेक्शन देने का लक्ष्य है। RDSS योजना के तहत 2274 कृषि फीडरों का निर्माण पूरा कर लिया गया है, जिससे किसानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की गई है।

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62 लाख से अधिक स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जा चुके हैं

बिहार स्मार्ट प्री-पेड मीटर अधिष्ठापन में देश में अग्रणी है। अब तक 62 लाख से अधिक स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाए जा चुके हैं, जिससे उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत पर अधिक नियंत्रण मिल रहा है। अपने बेहतर प्रबंधन एवं कार्यक्षमता की बदौलत एग्रीगेट टेक्निकल एवं कमर्शियल लॉस 2005 में 59.24 प्रतिशत से घटकर 2025 में अब तक 19.94 प्रतिशत हो गई है। अपने बजट भाषण में ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि राज्य में वर्तमान में बरौनी, कांटी, बाढ़, नबीनगर, कहलगांव सहित विभिन्न ताप विद्युत संयंत्रों की कुल स्थापित क्षमता 8,850 मेगावाट है। बाढ़ ताप विद्युत परियोजना की 660 मेगावाट क्षमता की एक नई इकाई इस वर्ष से उत्पादन शुरू करेगी, जबकि बक्सर (चौसा) में 1,320 मेगावाट की ताप विद्युत परियोजना 2025-26 में क्रियान्वित होगी। भागलपुर के पीरपैंती में 2,400 मेगावाट की ताप विद्युत परियोजना को स्वीकृति मिल चुकी है, जिससे यह राज्य की सबसे बड़ी निजी निवेश वाली परियोजना बनेगी।

11,383 सरकारी भवनों पर 100 मेगावाट के रूफटॉप सोलर संयंत्र लगाए गए

अक्षय ऊर्जा के विषय में बताते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अब तक 11,383 सरकारी भवनों पर 100 मेगावाट और 5,683 निजी भवनों पर 21 मेगावाट के रूफटॉप सोलर संयंत्र लगाए गए हैं। राज्य में विभिन्न सौर परियोजनाओं के माध्यम से 178 मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। दरभंगा में 1.6 मेगावाट, सुपौल में 525 किलोवाट और फुलवरिया नवादा में 10 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर परियोजनाएं कार्यरत हैं। पटना के विक्रम में 2 मेगावाट की नहर किनारे सौर परियोजना का निर्माण जारी है। उन्होंने बताया कि लखीसराय स्थित कजरा में 301 मेगावाट की दो सौर परियोजनाएं कुल 495 मेगावाट-आवर बैटरी भंडारण क्षमता के साथ निर्माणाधीन हैं, जो देश की सबसे बड़ी बैटरी भंडारण परियोजना होगी।

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नहरों के किनारे 20 मेगावाट की सौर परियोजना शुरू की जाएगी

संचरण के क्षेत्र में भी बिहार की उल्लेखनीय उपलब्धियों के विषय में बताते हुए ऊर्जा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा प्रगति यात्रा के दौरान घोषित 10 नए ग्रिड उपकेंद्रों के निर्माण की निविदा हो चुकी है। बिहार की संचरण कंपनी को इस वर्ष भारत सरकार द्वारा A+ रैंकिंग प्रदान की गई है। पहली बार जीआईएस तकनीक पर आधारित तीन ग्रिड उपकेंद्रों को ऊर्जा आपूर्ति के लिए चालू किया गया है, जिससे राज्य की विद्युत आपूर्ति प्रणाली और अधिक सुदृढ़ हुई है। अपने बजट भाषण में ऊर्जा मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में बिहार के 16 ग्रिड सब-स्टेशनों पर 500 मेगावाट-आवर बैटरी इनर्जी स्टोरेज सिस्टम की स्थापना की जाएगी। कैमूर स्थित दुर्गावती डैम में 10 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर परियोजना, नहरों के किनारे 20 मेगावाट की सौर परियोजना और तालाबों/चौर क्षेत्रों में 20 मेगावाट की रेज्ड स्ट्रक्चर सौर परियोजना शुरू की जाएगी।

प्रशासन निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार कार्यरत और प्रयासरत 

पटना शहर के विद्युत ढांचे को सुदृढ़ करने और आधुनिकीकरण के लिए 296.93 करोड़ रुपए की योजना को स्वीकृति दी गई है, जिसका कार्य अगले वर्ष शुरू किया जाएगा। पश्चिम चंपारण, सुपौल, कैमूर, रोहतास, जमुई, मुंगेर, लखीसराय, नवादा, कटिहार, पूर्णिया और बांका जिलों के 219 गांवों के 42,621 घरों तक बिजली पहुंचाने के लिए 422.90 करोड़ रुपए की योजना स्वीकृत की गई है, जिसे अगले वर्ष पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने अपने बजट भाषण के अंत में कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में इन व्यापक सुधारों और नई परियोजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार राज्य के नागरिकों को बेहतर, सस्ती और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगातार कार्यरत और प्रयासरत है।

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Amit Kasana

First published on: Mar 19, 2025 09:09 PM

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