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नहीं थम रहा है गणना की रिपोर्ट पर उठा विवाद….. पटना के सांसद और विधायकों ने लगाए गड़बड़ी का आरोप

Bihar Caste Census (अमिताभ ओझा /पटना): बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद इसपर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्ष शुरू से ही आरोप लगा रहा है की गणना की रिपोर्ट में कई गड़बड़िया है। पटना साहिब से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पटना के […]

Edited By : Sumit Kumar | Updated: Oct 5, 2023 16:24
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Bihar Caste Census

Bihar Caste Census (अमिताभ ओझा /पटना): बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद इसपर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्ष शुरू से ही आरोप लगा रहा है की गणना की रिपोर्ट में कई गड़बड़िया है। पटना साहिब से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पटना के बीजेपी के चार विधायकों के साथ गणना को लेकर सवाल खड़े किए। रविशंकर प्रसाद और उनके साथ के चार बीजेपी विधायकों ने आरोप लगाया कि उनके घर गणना कर्मी आये तो थे लेकिन न तो घर के मुखिया होने के नाते उनसे जानकारी ली गई और न ही हस्ताक्षर लिया गया। बाहर से किसी से पूछकर कॉलम भर दिया गया। वहीं जेडीयू के प्रदेश महासचिव प्रगति मेहता ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर धानुक जाति के आंकड़ों पर सवाल उठाया है।

सफाई देने के चक्कर में फंस गए जेडीयू प्रवक्ता

उधर पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोजद के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के आरोपों पर सफाई देकर जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार फंस गए। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि उनकी गणना हुई ही नहीं थी। जिसके जवाब में नीरज कुमार ने गणना के दस्तावेज दिखा कर कहा था कि उपेंद्र कुशवाहा झूठ बोले रहे हैं उनकी गणना हुई थी। लेकिन यह दस्तावेज दिखाकर नीरज कुमार फंस गए हैं। क्योंकि कोर्ट में दिए हलफनामे और एक्ट के तहत किसी भी व्यक्ति की सूचना को आप सार्वजनिक नहीं कर सकते हैं।

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सांसद रविशंकर प्रसाद और पटना के चार विधायकों ने लगाए आरोप

पटना साहिब के सांसद और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने  कहा की गणना की इस रिपोर्ट में कई अनियमितता सामने आई है। सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उनके घर गणना कर्मी आये और गेट पर बैठे शख्स से ही पूछ कर चले गए जबकि नियम है कॉलम बना है की जानकारी लेने के बाद घर के मुखिया से हस्ताक्षर या अंगूठा लेना है लेकिन मुझसे नहीं लिया गया। यह आरोप सिर्फ पटना साहिब के सांसद रविशंकर प्रसाद का ही नहीं था बल्कि उनके साथ पटना के चारो बीजेपी विधायक भी थे। जिनमे पटना साहिब के विधायक नंदकिशोर यादव, बाँकीपुर विधायक नितिन नवीन, कुम्हारार विधायक अरुण सिन्हा और दीघा विधायक संजीव चौरसिया भी थे।

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इन सभी का भी यही आरोप है की गणना के फॉर्म पर उनका हस्ताक्षर नहीं लिया गया था। मुखिया का हस्ताक्षर का हवाला देते हुए कहा कि हम सभी लोग अपने अपने घर के मुखिया हैं इसके बावजूद बतौर मुखिया किसी से हस्ताक्षर नहीं कराया गया। रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में उपस्थित बीजेपी के सभी जनप्रतिनिधियों ने जातीय गणना को पूरी तरह से खारिज करते हुऐ उसे अतिपिछड़ों का विरोधी बताया है। उन्होंने कहा कि जब जनप्रतिनिधियों के घर का ये हाल है तो आम लोगों से किस तरह से गणना किया गया होगा वो समझने लायक है। उन्होंने आश्चर्य जताया की गणना में कायस्थ की जो आंकड़ा दिए गए हैं उससे भी सवाल उठते हैं। गणना की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में कायस्थ की संख्या 0.606 बताई गई है।

जेडीयू के प्रदेश महासचिव ने भी उठाए सवाल

विपक्षी नेताओं के साथ-साथ जेडीयू के ही प्रदेश महासचिव प्रगति मेहता ने भी जातीय गणना की रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर धानुक जाति के आंकड़ों पर सवाल उठाया है।

बीजेपी नेताओं के आरोपों का पटना के जिलाधिकारी ने किया खंडन

जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार ” क्षेत्र के प्रगणक द्वारा माननीय सांसद एवं माननीय नेता, प्रतिपक्ष के घर जाकर विहित प्रपत्र में गणना की गई है। सभी सूचनाओं के साथ गणना प्रपत्र उपलब्ध है। दिशा-निर्देशों के अनुसार व्यक्तिगत सूचना की गोपनीयता की शर्त के कारण उक्त गणना से संबंधित जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा रही है।

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Edited By

Sumit Kumar

First published on: Oct 05, 2023 03:56 PM

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