नीरज त्रिपाठी, पटना: बिहार में छठ पूजा महापर्व की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। प्रदेश में इस बार गंगा के जलस्तर में 3 सालों के बाद आई कमी के बाद दीदारगंज से दानापुर तक के घाटों पर इस महापर्व का आयोजन किया जाएगा। इसी संबंध में छठ व्रतियों को छठ घाटों तक पहुंचने में किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े, इसका जायजा लेने पटना प्रमंडल आयुक्त कुमार रवि, आईजी राकेश राठी और पटना जिलाधिकारी डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह दीघा के पाटी पुल घाट पहुंचे।
दिशा-निर्देश किए गए जारी
इस दौरान अधिकारियों ने दीघा के पाटी पुल घाट से लेकर कलेट्रीयट घाट तक के छठ घाट का निरीक्षण पैदल चलकर ही किया, साथ ही घाटों पर बेहतर व्यवस्था करने के दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। घाट निरीक्षण के दौरान घाटों की तैयारी मामले की जानकारी देते हुए पटना प्रमंडलीय आयुक्त ने बताया है कि अभी तक के निरीक्षण के दौरान 105 घाटों को चिन्हित किया गया है, जहां छठ व्रती अर्घ दे सकते हैं। इसके साथ ही छठ घाटों पर पटाखा फोड़ने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है, तो वहीं छठ के दिन गंगा में होने वाले नाव के परिचालन पर भी रोक लगाई गई है।
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बनाए जाएंगे एप्रोच रोड
गौरतलब है कि गंगा का जलस्तर अधिक होने के कारण वर्ष 2021 में 96 तो, वर्ष 2022 में 85 घाटों पर ही छठ महापर्व का आयोजन हो सका था और इस वर्ष गंगा के जलस्तर में आई कमी के बाद अभी तक कुल 105 घाटों को चिन्हित किया गया है। इन घाटों तक छठ व्रत के पहुंचने के लिए एप्रोच रोड बनाने की व्यवस्था भी की जा रही है।
गोताखोरों की तैनाती
घाट निरीक्षण करने पहुंचे पटना प्रमंडलीय आयुक्त ने बताया कि घाटों के आसपास सुरक्षा के दृष्टिकोण से वॉच टावर के निर्माण के साथ-साथ गंगा नदी में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ गोताखोरों को तैनात करने के आदेश जारी करने के साथ-साथ घाटों पर पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग चेंजिंग रूम और शुद्ध पेयजल के साथ सीसीटीवी लगाने के दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं।